एनआरपी डेस्क
लखनऊ: एक अक्टूबर से जिला युवा कल्याण विभाग के अधीन कार्य करने वाले प्रदेश के 6619 प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवानों की ड्यूटी पर रोक लगाई जा सकती है। वार्षिक चरित्र सत्यापन व स्वास्थ्य प्रमाण पत्र न देने के कारण महानिदेशक ने जहां न सिर्फ इनको विभागीय व गैर विभागीय ड्यूटी से अलग रखने की चेतावनी दी है. वहीं क्षेत्रीय से लेकर जिला युवा कल्याण अधिकारियों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के संकेत दिए हैं। हरदोई में 132 तो लखनऊ में 192 जवान पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र नहीं दे सके हैं। बलरामपुर, श्रावस्ती, प्रयागराज, गोंडा सहित कई जिलों की स्थिति दयनीय है। संयुक्त निदेशक (प्रशासन) ने इतनी बढ़ी संख्या में प्रमाण पत्र न देने के पीछे अभियोग दर्ज होने और अनफिट होने की शंका भी जाहिर की है। युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के जवानों को सरकारी व गैर सरकारी विभागों में रोस्टर के अनुसार ड्यूटी दिलवाई जाती है। सक्रिय जवानों से प्रत्येक वर्ष चरित्र प्रमाण पत्र व फिटनेस के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र सीएमओ कार्यालय का लिया जाने लगा है। इस बार भी महानिदेशालय की ओर से जून में प्रदेश के समस्त जिलों को पत्र जारी कर पुलिस सत्यापन के बाद जारी चरित्र प्रमाण पत्र व स्वास्थ्य प्रमाण पत्र मांगा गया था। यही नहीं जिलों से काफी संख्या में प्रमाण पत्र अपलोड न होने से अनुस्मारक पत्र भी जारी किए गए, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। युवा कल्याण विभाग के पोर्टल पर प्रदेश के 75 जिलों में ड्यूटी पाने वाले करीब 31757 पीआरडी जवान अंकित हैं, लेकिन अब तक इनमें से 25,138 जवान ही पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र व 27,458 जवान स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अपलोड करा सके हैं। प्रदेश में 6,619 जवानों के पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र व 4,299 जवानों के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र न आने पर महानिदेशक स्तर से नाराजगी व्यक्त की गई है। हरदोई में 671 पीआरडी जवानों में से 132 पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र व 96 स्वास्थ्य प्रमाण पत्र नहीं दे सके हैं।



