HIT ** (News Rating Point) 29.10.2016
सपा के घर की लड़ाई में जो चंद नेता चर्चा का केंद्र बने उनमे से एक आशु मलिक भी हैं. इस झगड़े के दौरान आशु का रसूख तब नज़र आया, जब मंत्री पवन पांडेय को आशु से अभद्रता करने के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
दरअसल समाजवादी पार्टी (एसपी) के कार्यालय में हुई बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव गले मिलवा चुके थे. इसी बीच मुलायम ने कहा कि एक मुस्लिम सांसद की उन्हें चिट्ठी मिली है कि मुस्लिम पार्टी से दूर हो रहे हैं. यह सुन अखिलेश खुद माइक पर आ गए और कहा चिट्ठी सार्वजनिक करिए. यह एक साजिश है और ऐसा करने वाला कौन है? आशु मालिक को बुलाकर पूछ लीजिए. इसके बाद हुए हंगामे में मुलायम की 1:30 घंटे की बैठक में जो कुछ भी हुआ उसपर पानी फिर गया. अमर सिंह के बाद आशु मालिक खलनायक के तौर पर सामने आए. एसपी की सियासत में पिछले कुछ बरसों में आशु वेस्ट यूपी के एक अहम मुस्लिम चेहरे के तौर पर उभरे हैं. 2014 में पार्टी ने इसीलिए उन्हें एमएलसी भी बनाया हालांकि उनकी बेबाकी ही मुसीबत बन गई है. एसपी में अखिलेश समर्थकों के शिवपाल के खिलाफ चिट्ठी वॉर का जवाबी जिम्मा आशु ने ही संभाल रखा था.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)