एनआरपी डेस्क
लखनऊ: राम मंदिर में 23 से 25 नवंबर तक होने वाला ध्वजारोहण समारोह अभूतपूर्व होने जा रहा है। आयोजन समिति ने तय किया है कि इस अवसर पर केवल विशिष्टजन ही नहीं, बल्कि धरातल पर कार्य करने वाले वह लोग भी शामिल होंगे, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से समाजसेवा को अपना जीवन समर्पित किया है। समारोह के विशेष मेहमान होंगे अयोध्या जिले के 772 ग्राम प्रधान, जिन्हें पहली बार इस ऐतिहासिक धरोहर का सहभागी बनाया जा रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट का मानना है कि लोकतंत्र की सबसे मजबूत कड़ी गांव का नेतृत्व है। जब-जब रामकथा गांव-गांव गूंजी, तभी समाज ने अपनी दिशा पाई। पंचायत प्रतिनिधियों की सूची तैयारी की जा रही है। वहीं बड़े-बड़े मंचों से दूर, चुपचाप सेवा करने वाले समाजसेवियों को भी इस बार सम्मान का अवसर मिलेगा। आयोजन समिति ऐसे लोगों की सूची तैयार कर रही है जो बिना प्रचार-प्रसार के समाज में सहयोग और परिवर्तन का दीपक जलाते रहे हैं। विहिप व संघ ऐसे लोगों की सूची बना रहा है। फिल्मी कलाकारों से सज्जित अयोध्या की रामलीला के लिए शुक्रवार को रामकथा पार्क में महापौर गिरीशपति त्रिपाठी की मौजूदगी में भूमिपूजन किया गया। इस बार रामलीला में 200 फोट ऊंचे रावण का दहन होगा। इस रामलीला की सबसे खास बात यह है कि रावण दहन पूरी तरह डिजिटल अंदाज में होगा।



