एनआरपी डेस्क।
लखनऊ। अब किसी भी राज्य से गाड़ी खरीदने के बाद उत्तर प्रदेश में मनचाहा नंबर हासिल किया जा सकेगा। करीब 14 सौ करोड़ का नुकसान उठाने के बाद परिवहन विभाग ने विशिष्ट (वीआईपी) नंबर देने की नियमावली में बदलाव कर दिया है। अब दूसरे राज्य से गाड़ी खरीद कर अस्थाई पंजीयन पर एनओसी लेकर आने वाली गाड़ियों को उत्तर प्रदेश में वीआईपी नंबर मिल सकेगा। यह व्यवस्था अप्रैल माह में लागू कर दी गई है। परिवहन विभाग अभी तक उन्हीं गाड़ियों को वीआईपी नंबर देता था, जो उत्तर प्रदेश की एजेंसियों से खरीदी जाती थीं। विभाग की ओर से कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि अब तक वीआईपी नंबरों की 1089 सीरीज जारी की गई है। एक सितंबर 2021 से 28 फरवरी 2025 तक के डेटा देखें तो करीब 2.84 लाख वीआईपी नंबर आवंटित नहीं किए जा सके। इन नंबरों के आवंटन से न्यूनतम पांच हजार रुपये राजस्व मिलता तो विभाग को करीब 1424.99 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। जबकि 0001, 0007, 0011, 0786 जैसे नंबरों की नीलामी में प्रति नंबर 50 हजार से पांच लाख तक का राजस्व मिल सकता है।



