दरअसल, राजधानी का ट्रैफिक सिग्नल और सर्विलांस सिस्टम यातायात विभाग व स्मार्ट सिटी के बीच झूल रहा है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने पड़ताल की तो पता चला कि जिन चौराहों की लाइटें खराब हुई या टूटी, उन्हें बनाया ही नहीं जा रहा है। खराय सर्विलांस सिस्टम व कैमरों से चालान ठप है। इससे चौराहों पर यातायात प्रभाबित हो रहा है। मातयात विभाग के अधिकारी इसके बारे में जानते हैं पर कुछ किया नहीं जा रहा।
यहां रेड लाइट जम्प करने पर भी नहीं होगा चालान: चार चौराहे ऐसे हैं जहां का रेड लाइट बायलेशन डिटेक्शन सिस्टम खराब पड़ा है। ऐसे में इन पर चाहे जितना रेड लाइट जम्प करिए, कुछ नहीं होने वाला है। इनमें आईआईएम भिटौली तिराहा, खुर्रमनगर चौराहा, कमता चौराहा तथा बाराबिरवा चौराहा है। यहां न कोई कैमरे काम कर रहे हैं और न यातायात के नियम तोड़ने वालों के वाहनों का चालान हो रहा है।
रोकने वाला कोई नहीं: गोमतीनगढ़ च इन्दिरानगर में चाहे जितनी स्पीड में गाड़ी दौड़ाई जाए, कोई रोकने वाला नहीं है, क्योंकि इन इलाकों का स्पीड वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम काम नहीं कर रहा है। कुछ जगहों पर टूटने तो कुछ जगहों पर खराब होने से सिस्टम काम नाहीं कर रहा है। गोमतीनगर विस्तार तथा सेक्टर 25 इन्दिरानगर का स्पीड वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम भी टूट्टा हुआ है।



