एनआरपी डेस्क
लखनऊ: भायी शिक्षक तैयार करने वाले जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में अब बच्चों को भी कक्षाएं चलेंगी। योजना के तहत प्रदेश के सभी 75 डायट में मॉडल बाल वाटिका स्थापित की जाएगी। यहां पांच से छह साल के बच्चों का प्रवेश और पढ़ाई कराई जाएगी। शिक्षा मंत्रालय की पहल पर यह कवायद हो रही है।सभी डाक्ट में डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) कोर्स का संचालन हो रहा है। दो वर्षीय यह डिप्लोमा करने वाले युवा शिक्षक बनने के लिए योग्य होते हैं। हाल के दिनों में शिक्षा मंत्रालय की ओर से इन डायट को काफी समृद्ध किया जा रहा है। इसके तहत वहां पर स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, बिल्डिंग, हॉस्टल आदि अत्याधुनिक सुविधाएं दी जा रही हैं। अब डायट में मॉडल बाल वाटिका के संचालन का निर्णय लिया गया है। यहां पर पांच से छह साल के बच्चों का प्रवेश और पढ़ाई कराई जाएगी। इसका संचालन बाल विकास पुष्टाहार, बेसिक शिक्षा विभाग का राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रसिध परिषद (एससीईआरटी) मिलकर करेंगे। इस कवायद का दोहरा लाभ होगा। एक तरफ जहां डीएलएड प्रशिक्षुओं को बेहतर प्रशिक्षण के अवसर मिलेंगे, वहीं डावट के शैक्षिक संसाधनों का भी बेहतर प्रयोग होगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की अध्यक्षता में इस संबंध में एक बैठक भी हो चुकी है। जल्द ही इसके लिए अन्य आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। डायट आसपास के आंगनबाड़ी केंद्रों को भी अपने यहां शामिल कर उनका बाल वाटिका के रूप में संचालन कर सकेंगे। बता दें, हाल में कम नामांकन वाले 10827 परिषदीय विद्यालयों का विलप (पेयरिंग) की गई है। खाली हुए विद्यालयों में भी बाल वाटिका चलाने का प्रस्ताव है।



