एनआरपी डेस्क
लखनऊ: प्रदेश में खाद की कालाबाजारी और तस्करी रोकने की नई रणनीति अपनाई गई है। इसके तहत खाद की हर चोरी पर संबंधित गोदाम और समिति की मुहर लगेगी। इससे पता चल सकेगा कि संबंधित खाद किस समिति से उठाई गई है। प्रदेश में खरीफ सीजन में बॉर्डर के जिलों से खाद की तस्करी होने की शिकायत मिली। तमाम चौकसी के बाद भी यूरिया व अन्य खाद नेपाल सीमा में पहुंच गई। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के निरीक्षण में भी यह बात सामने आई। जिन किसानों के पास एक बिस्वा भी सखेत नहीं है, उनके नाम पर 40 से 50 बोरी खाद खरीदी गई। सिद्धार्थनगर और महराजगंज में ऐसे मामलों में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। कई स्थानों पर पकड़ी गई खाद सहकारी गोदाम की है अथवा निजी दुकान की, इसे लेकर विवाद की नौबत आई। रबी सीजन शुरू होने से पहले ही सहकारिता विभाग ने यह फैसला किया है। इसके तहत यूपी कोआपरेटिव फेडरेशन केगोदाम में खाद के पहुंचते ही बोरियों पर फेडरेशन की मुहर लगाई जाएगी। यहां से बोरियां जिस समिति में भेजी जाएंगी। उस समिति की मुहर लगेगी। इसके बाद खाद की कालाबाजारी होने, तस्करी के अथवा गुणवत्ता प्रभावित होने की दशा में संबंधित गोदाम प्रभारी और समिति सचिव के खिलाफ कार्रवाई होगी। सहकारिता विभाग के आयुक्त एवं निबंधक योगेश कुमार ने इस संबंध में पीसीएफ निदेशक और सभी जिलों के सहायक निबंधकों को निर्देश दिए हैं।



