एनआरपी डेस्क
लखनऊ: धर्मांतरण सहित विभिन्न राष्ट्र विरोधी मामलों के मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर को लेकर एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। अब एटीएस ने नये सिरे से उसके नेपाल कनेक्शन को खंगालना शुरू कर दिया है। सूत्रों का दावा यहां तक है कि छांगुर ने पाक खुफिया एजेन्सी आईएसआई से हाथ मिलाने की तैयारी कर ली थी। इसके लिए ही वह नेपाल में पाक दूतावास में नेपाल के पूर्व सैनिकों के सम्मेलन में भी शामिल हुआ था। नेपाल में अपने खास लोगों के जरिए ही विदेशी फंडिंग करवा रहा था। दोनों देशों के सीमावर्ती जिलों में रह रहे कुछ खास लोगों की सूची भी तैयार करा रहा था। नेपाल के सीमावर्ती जिले दांग के एक कद्दावर धार्मिक नेता के साथ छांगुर आईएसआई से नजदीकी बढ़ाने काठमांडो तक भी गया था। लेकिन वह सुरक्षा कारणों से पाकिस्तानी दूतावास के अंदर नहीं जा सका था। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो छांगुर का यह उद्देश्य था कि वह हिंदू महिलाओं व अन्य लोगों का धर्मान्तरण कराकर उन्हें मुस्लिम बनाया जाए। इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए उसके कुछ खास एजेन्ट काम कर रहे थे। इनके बारे में उसके अलावा सिर्फ नीतू उर्फ नसरीन व उसके पति नवीन को ही पता था। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो छांगुर भारत नेपाल सीमा पर स्थित बलरामपुर जिले का इस्लामिक स्टेट बनाने के क्षेत्र में काम कर रहा था। उसका यह सपना था कि उतरौला में मुसलमानों की आबादी अधिक है। जिले के कुछ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र को मिलाकर इसे इस्लामिक स्टेट बना दिया जाये। वह इसके लिए लगातार प्रयास कर रहा था और इसमें जो लोग सहयोग कर रहे थे उन्हें वह फंडिंग कर रहा था। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो छांगुर सउदी अरब इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक, मुस्लिम वर्ल्ड लीग, दावते इस्लाम व इस्लामिक संघ आफ नेपाल जैसी संस्थाओं से जुड़ा हुआ था।



