एनआरपी डेस्क
लखनऊ: स्वच्छता की दिशा में बदली तस्वीर ने नगर निगम की रैंकिंग को देश में तीसरे नंबर (प्रेसीडेंशियल अवार्ड) पर लाकर खड़ा कर दिया। स्वच्छता को लेकर कराए गए कार्यों से जुड़ी काफी टेबल बुक ने शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों के नजरिए को बदला। इतना ही नहीं काफी टेबुल बुक में दिखाए गए कार्यों की जमीनी हकीकत भी जानी गई थी। शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने कूड़ा प्रबंधन के लिए बनाए गए शिवरी प्लांट में हो रहे कार्यों को भी सराहा था। इस बार नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में स्वच्छता के क्षेत्र में हुए बदलाव को इस तरह से पेश किया कि सर्वेक्षण टीम भी अंक बाट नहीं पाई। काफी टेबल बुक में उन सभी कार्यों और चल रहे कार्यों को दिखाया गया, जिससे लखनऊ की स्वच्छता में बदलाव दिखाई दिया। इसमें डीजल चलित वाहनों के स्थान पर कूड़ा ले जाते इलेक्ट्रिक व सीएनजी वाहन दौड़ते दिखाए गए। नगर निगम ने अपनी जन सहभागिता का उल्लेख किया, जिसमें दैनिक जागरण की हालचाल टीम का भी जिक्र था। इसमें बताया गया कि किसी मोहल्ले में टीम के जाने पर नगर निगम और जलकल के अधिकारी भी जाते हैं और वहां की समस्याओं को जनता के साथ मिलकर हल कराने का प्रयास करते हैं। भवनों के मलबे का उपयोग कर टाइल्स, विभिन्न साइज की गिट्टियों के साथ बनाए गए गमलों ने भी नगर निगम को अच्छे नंबर दिलाए। रिपोर्ट दी गई है कि सीएंडडी वेस्ट का प्लांट लग जाने से वहां पर शहर भर का निर्माण मलबा भेजा जाता है और उससे निर्माण का नया उत्पाद भी शुरू हो गया है। सर्वे टीम ने इसे भी रि-चेक किया और पाया कि नगर निगम का दावा सही है। इससे माना गया कि शहर में मलबे से उत्पन्न धूल को कम किया गया।



