एनआरपी डेस्क
लखनऊ। जमीन की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए रजिस्ट्री विभाग ने नई व्यवस्था लागू की है। अब रजिस्ट्री की हर प्रक्रिया में खरीदार और बिक्रेता दोनों के मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजकर सत्यापन किया जाएगा। साथ ही कृषि भूमि की रजिस्ट्री के लिए ग्राम कोड और खतौनी दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि फर्जी नाम, नकली दस्तावेज और जालसाजी की गुंजाइश न बचे।नए नियम के मुताबिक जमीन बेचने या खरीदने वाले हर पक्षकार के मोबाइल नंबर पर वन-टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी भेजा जाएगा। इस ओटीपी से ही दस्तावेजी कार्रवाई आगे बढ़ेगी, ताकि बिना पक्षकार की सहमति या फर्जी दस्तावेजों से दर्ज होने वाली रजिस्ट्री की संख्या को रोका जा सके। इसके अलावा, कृषि भूमि की लेन-देन में ग्राम कोड और खतौनी संख्या को अनिवार्य रूप से पत्रों में दर्ज करवाना होगा। ये दोनों सूचकांक जमीन की स्थिति व दस्तावेजी पहचान सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। यह नीति विशेष रूप से उन जिलों में लागू होगी जहां खमरा-खतौनी दस्तावेजों में अस्पष्टता या जालस्यानी की शिकायतें अधिक हैं। वर्तमान में प्रदेश में प्रति वर्ष लगभग 50 लाख रजिस्ट्री हो रही हैं। इनमें से रजिस्ट्री में फर्जी नाम, फर्जी पैन/फर्जी आधार या नाम-पते का दोहराव जैसी काफी अनियमितताएं सामने आ रही हैं।