एनआरपी डेस्क।
लखनऊ। राजधानी के सरकारी अस्पतालों के हार्ट बर्न न्यूगलनी, न्यूरोसर्जरी और यूरॉलनी समेत कई विभागों में स्पेनिशालान्ट डॉक्टरों का भीषण संकट है। पुराने डॉक्टर रिटायर होते जा रहे हैं, लेकिन खाली पदों पर भर्ती हो नहीं पा रही। चिकित्एवं स्वास्थय मेज विधग के आंकड़ों के मुताबिक, स्पेशिलिस्ट हॉक्टरों के कुल 3620 पद हैं, लेकिन इस समय महज 484 पदों पर तैनाती है। सरकारी अस्पतालों में प्लास्टिक सर्जरी और बर्न वार्ड जनरल सर्जन के भरोसे चाल शो है। सबसे ज्यादा संकट कार्डचोलीले विभाग में है। इस पारे में विदितम्या के अधीक्षक राजेश ओव या पहना है कि पार्टियांली में डिप्लोमा चंदो पुरा है। इस कारण विभाग में डिपोमा के बाद गावाशी आपले में रिटायर होते जा रहे हैं। ऐसे में कई उप बढ़ाकर और आरएस के कर संबट टालने का प्रयास किया जा रहा है। पात दिन 60 साल में बढ़प 62 साल पर करने का आदेश हुआ।



