एनआरपी डेस्क
लखनऊ: राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगतपुर से ऊंचाहार तक कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। हाइवे पर ऊंचाहार में टोल प्लाजा भी बनाया गया है, जहां औसतन प्रतिदिन 15 से 20 हजार वाहनों से टैक्स की वसूली की जाती है, लेकिन इसके बाद भी सड़क की मरम्मत नहीं हो रही है। लोगों का कहना है कि कहने को तो नेशनल हाइवे है, लेकिन हालत किसी ग्रामीण सड़क की तरह तो फिर आखिर टोल टैक्स किस बात का? बदहाल सड़क पर हादसे का तो खतरा बना ही हुआ है, साथ ही आवागमन में लाेगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिसको लेकर लोगों में रोष है। फरवरी 2025 में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ स्नान पर्व के दौरान करीब 620 करोड़ की लागत से एनएचएआइ की कार्यदाई संस्था द्वारा चंड़रई चौराहे के पास एनएचएआइ द्वारा सड़क पथ संग्रहण केंद्र (टोल प्लाजा) बनाया गया है। टोल प्लाजा पर सभी चार पहिया व भारी वाहनों से टैक्स के नाम पर भरपूर वसूली भी की जाती है, लेकिन सुगम यातायात का दावा करने वाली एनएचएआइ के अधिकारियों को यह टूटी हुई सड़क नजर नहीं आती है। ऐसे में हिचकोले खाते हुए वाहन स्वामियों को अपनी मंजिल तय करनी पड़ रही है। जगतपुर, जिगना, बाबा का पुरवा, चंड़रई, बाबूगंज, सवैया हसन, सवैया तिराहा समेत कई स्थानों पर बरसात के कारण सड़क धंसने से टूट चुकी है। बाबूगंज निवासी अजय कुमार गुप्ता, सोहनलाल, महादेव, राकेश कुमार, सुनील कुमार, रविंद्र कुमार , राजन, अशोक कुमार पांडेय, विमलेंद्र वाजपेयी का कहना है कि जगह-जगह सड़क टूटी हुई है। जरा सी असावधानी होने पर वाहनों का संतुलन बिगड़ जाता है। ऐसे में अनजान वाहन चालक इन गड्ढों की वजह से दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। कार्यदायी संस्था द्वारा महाकुंभ के दौरान मानकों की अनदेखी कर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कराया गया है।



