एनआरपी डेस्क
लखनऊ: कोविड जैसी कोई महामारी या ऐसी किसी आशंका पर जांच के साथ इलाज के लिए मरीजों को बढ़े अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए प्रदेश के 28 निलों में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेटरीज की स्थापना कर ली है। साथ ही 42 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 50 बेटेड फील्ड हॉस्पिटल भी बनकर तैयार हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रदेश में पहली बार शुरू होने वाली इन योजनाओं को नवरात्रि में लोकार्पण करने की तैयारी है। सूत्रों की मानें तो इन फील्ड हॉस्पिटलों को इमरजेंसी क्रिटिकल केयर के तौर पर इस तरह विकसित किया जाएगा, जहां हार्ट, ब्रेन स्ट्रोक और स्टेमी जैसे लक्षण वाले मरीनों को समय से इलाज मिल सकेगा। सूत्रे के मुताचिक डिप्टी सीएम ब्रनेश पाठक अगले सप्ताह इन लैबोरेटरी और अस्पातल के साथ वेयर हाउस और कुछ जिलों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक की सुविधाएं भी शुरू करने जा रहे हैं। इसमें सबसे अहम इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरेटरीज (आईपीएचएल) को माना जा रहा है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत इन लैबर का निर्माण कराया गया है। इन लैबोरेटरीज में सभी डायग्नोस्टिक जांचों के साथ बीमारियों की निगरानी करने की भी व्यवस्था होगी। कोविड संक्रमण के दौरान सबसे बड़ी समस्या जांचों को लेकर आई थी।



