एनआरपी डेस्क
लखनऊ:पिछले 10 सालों में केंद्र की मोदी सरकार ने गरीबों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, जिनका असर आज हर गांव, हर जिले और लाखों परिवारों में देखा जा सकता है. इन योजनाओं ने सिर्फ कागजों तक सीमित न रहकर जमीनी स्तर पर लोगों की ज़िंदगी बदली है. चाहे बात हो फ्री गैस सिलेंडर की, पक्के घर की, या फिर 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सरकार की सोच साफ रही है कि गरीबों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन दिया जाए. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया, जिससे उन्हें लकड़ी और कोयले के धुएं से राहत मिली. अब तक 10 करोड़ से ज्यादा परिवार इससे जुड़ चुके हैं और 238 करोड़ से ज्यादा सिलेंडर रिफिल किए जा चुके हैं. सरकार कुछ लाभार्थियों को 300 रुपये तक सस्ते सिलेंडर भी दे रही है. ये सब्सिडी सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर होती है. साथ ही, देशभर में 11,670 नए गैस डिस्ट्रीब्यूटर जोड़े गए हैं ताकि दूर-दराज के इलाकों में भी गैस आसानी से मिल सके. देश के करोड़ों छोटे और गरीब किसानों को हर साल 6,000 रुपये की मदद मिल रही है – वो भी डायरेक्ट उनके बैंक खाते में. यह योजना खेती-किसानी में थोड़ी राहत जरूर देती है और किसानों को थोड़ा आत्मनिर्भर बनाती है. आज गांव का किसान इस योजना से जुड़े पैसे से अपने जरूरी खर्च पूरे कर पा रहा है.