एनआरपी डेस्क
लखनऊ। यूपी में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में यूं तो गिरावट आई है। मगर अभी भी मौतों का आंकड़ा चिंताजनक है। राष्ट्रीय औसत की तुलना में भी प्रदेश में नवजात शिशुओं की मौतों के आंकड़े में खासा फासला है। 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 1000 जीवित जन्मों पर यह मृत्यु दर 20 थी। तब यूपी में यह संख्या 28 थी, जो 2021 में घटकर 26 रह गई थी। प्रदेश में इन मौतों को रोकने के लिए सरकार ने नई पहल की है। इसके लिए स्टेट टास्क फोर्स का गठन किया गया है। देश में हर साल सात लाख से अधिक बच्चों की मौत जन्म के दौरान हो जाती है। इनमें से यूपी में तकरीबन 1.62 लाख नवजात शिशु हर साल दम तोड़ देते हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट बताती है कि नवजात शिशुओं की इन मौतों में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी समय से पहले बच्चों का जन्म, कम वजन, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी, संक्रमण और जन्म के समय दम घुटने यानि सांस लेने में अवरोध के कारण होती हैं।प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा की अध्यक्षता में स्टेट टास्क फोर्स गठित की गई है। सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी गोल-3) के तहत वर्ष 2030 तक प्रति एक हजार बच्चों के जन्म पर मौतों का आंकड़ा 12 पर लाने का लक्ष्य रखा गया है।