HIT **** (News Rating Point) January 2017
(Published on 01.02.2017)
साल 2017 के पहले दिन से ही एक नए अखिलेश यादव का उदय हुआ. लखनऊ के जनेश्वर मिश्रा पार्क में बुलाये गए सम्मेलन में उनके समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की घोषणा हुई. इसके जवाब में उनके पिता मुलायम सिंह यादव और उनके बचे हुए समर्थक चुनाव आयोग चले गए. जहां मुलायम सिंह यादव ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया और अखिलेश की ताजपोशी को अवैधानिक बताया. लेकिन यहाँ मुलायम को मुंह की खानी पड़ी और चुनाव आयोग ने अखिलेश के दावे को सही मानते हुए उन्हें पार्टी का अध्यक्ष माना और चुनाव चिह्न साइकिल भी उनके हवाले कर दिया. इस महीने अखिलेश की एक और सफलता कांग्रेस के साथ गटबंधन के रूप में भी देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि इस गठबंधन के चलते सपा के साथ मुस्लिम वोटबैंक के साथ छोड़ने का ख़तरा कम हो जाएगा. इसके अलावा यूपी में एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे के मुताबिक एसपी और कांग्रेस गठबंधन सबसे मजबूत हैं. गठबंधन का फैसला अखिलेश को सुल्तान बना रहा है. समाजवादी पार्टी के झगड़े के बाद अखिलेश यादव सुप्रीम बनकर उभरे और उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन किया है. अब टक्कर में समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन, बीजेपी और बीएसपी हैं. हालांकि ओपिनियन पोल में सीएम अखिलेश यादव की लोकप्रियता में दो फीसदी की गिरावट आई है लेकिन फिर भी वो सबसे ज़्यादा लोकप्रिय हैं. दिसंबर में 28 फीसदी की पसंद अखिलेश थे लेकिन जनवरी में इसी सवाल पर अखिलेश 26 फीसदी वोटरों की पसंद बने. जबकि मायावती 21 प्रतिशत के साथ दूसरी पसंद हैं और केवल तीन प्रतिशत लोगों की पसंद राजनाथ सिंह हैं. हालांकि टाइम्स नाऊ की सर्वे भाजपा की सरकार बन रही है और सपा-कांग्रेस गठबंधन दूसरे नंबर पर आ रहा है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)