FLOP **** (News Rating Point) January 2017
(Published on 01.02.2017)
मुलायम सिंह यादव के लिए इससे बुरे दिन शायद ही कोई हों. जिस पार्टी को उन्होंने अपनी मेहनत और अपने बलबूते खड़ा किया. उसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से उन्हें बेदखल कर दिया गया और पार्टी का संरक्षक बना दिया गया. इस कार्रवाई का अगुवा भी खुद उनके बेटे अखिलेश यादव और भाई रामगोपाल यादव रहे. सबसे आश्चर्यजनक तो ये रहा कि जिन लोगों को मुलायम सिंह यादव ने बड़ा नेता बनाया, वही सब नेता उनका पाला छोड़ उनके बेटे अखिलेश यादव के साथ जाकर खड़े हो गए. चुनाव आयोग में भी उनका खुद को अध्यक्ष बताये जाने का दावा नहीं माना गया और अखिलेश को अध्यक्ष स्वीकार किया गया और पार्टी सिम्बल भी दे दिया गया.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)