लखनऊ। अमर उजाला ने खोली लखनऊ नगर निगम के अफसरों और कंपनी के मिलीभगत की पोल। प्रवेंद्र गुप्ता की एक्सक्लूसिव खबर में धांधली के बारे में बताया है।
खबर में लिखा गया है कि कचरा प्रबंधन के काम में लगी निजी कंपनी ईकोग्रीन एनर्जी की एक और धांधली सामने आई है। कूड़ा निस्तारण के एवज कंपनी ने एक माह का 10 करोड़ का बिल बना दिया है, जो नगर निगम में दर्ज घरों से निकलने वाले औसत कूड़े की मात्रा के हिसाब से करीब दोगुना ज्यादा है। ऐसा तब है जबकि कंपनी अभी उतने घरों तक सर्विस ही नहीं दे पा रही है, जितने घर नगर निगम के रिकॉर्ड में दर्ज हैं। कंपनी यदि सारे घरों से कूड़ा उठाने लगे तब भी छह करोड़ का ही बिल बनता है।
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— News Rating Point (@newsratingpoint) June 3, 2022
घरों से कूड़ा कलेक्शन और उसके निस्तारण को लेकर ईकोग्रीन ने अप्रैल का करीब 10 करोड़ रुपये का बिल बनाया है। यह बिल पूर्व के महीने की तुलना में करीब दोगुना है। जितना बिल बना है वह प्रति घर से निकलने वाले कूड़े के औसत के हिसाब से करीब 10 लाख घरों का है, जबकि नगर निगम में करीब छह लाख घर ही गृहकर रिकॉर्ड में हैं। इनमें भी 50 फीसदी घरों तक से ही कंपनी कूड़ा उठा पाती है।