एनआरपी डेस्क
लखनऊ। जिम्मेदार अगर चाहें और आगे बढ़कर प्रयास करें तो किसी की जान बचाई जा सकती है। ऐसा ही प्रयास जिलाधिकारी देवरिया जितेंद्र प्रताप सिंह ने किया और एक युवती की जान बच गई। उनके इस प्रयास की काफी चर्चा है। अखबारों ने भी इस खबर को पर्याप्त जगह दी है। साथ ही डीएम की तारीफ की है।
राष्ट्रीय सहारा ने लिखा कि अगर आम लोग जनहित की सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक हो जाएं और प्रशासन उन योजनाओं को देर किए जमीन पर उतारने की ठान ले, तो देश में हर रोज, हर जगह चमत्कार देखने को मिल सकते हैं। जनपद (देवरिया) में भी कुछ ऐसा ही चमत्कार हुआ है। दरअसल, हार्ट की बीमारी के कारण जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रही एक युवती ने जब जिलाधिकारी से आर्थिक मदद मांगी तो डीएम ने अत्यंत अनूठे तरीके से उसकी मदद की। जिससे युवती के हार्ट का सफल इलाज हो सका। नया जीवन पाने वाली युवती इस ‘चमत्कार’ के बाद अब जिलाधिकारी को अपना ‘भगवान’ मान रही है।
डीएम देवरिया जितेंद्र प्रताप सिंह के कारगर प्रयास से युवती की जान बची, खबर की अखबारों में चर्चा, डीएम की सराहना..@myogioffice @navneetsehgal3 @dmdeoria @ShishirGoUP
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दैनिक जागरण ने लिखा कि हृदय रोग से पीड़ित युवती की जान आखिर बच गई। डीएम की पहल पर दो दिन के भीतर आयुष्मान कार्ड बन गया। आर्थिक सहायता मिलने से हृदय के खराब वाल्व का पटना के निजी अस्पताल में आपरेशन संभव हो सका। डीएम के इस प्रयास की लोगों ने सराहना की है।
लार क्षेत्र के अमौना गांव की रहने वाली 21 वर्षीया शशि मिश्रा के हृदय का वाल्व खराब हो गया था, जिसके कारण रक्त को ठीक से पंप नहीं कर पा रहा था। उन्होंने बिहार के पटना में महावीर आरोग्य संस्थान के डाक्टरों को दिखाया। डाक्टरों ने समय से आपरेशन कराने की सलाह दी।
स्वतंत्र चेतना ने लिखा कि अत्यंत खराब आर्थिक स्थिति से जूझ रही शशि मिश्रा ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से वित्तीय सहायता पाने के लिए आवेदन किया। किंतु, किसी कारणवश उनका आवेदन निरस्त हो गया। ऐसे में उसे अपने दिन-ब-दिन खराब होती सेहत के बारे में कुछ सूझ नहीं रहा था।
इन परिस्थितियों में शशि ने जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह से ऑपरेशन हेतु 3 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की गुहार लगाई। जिलाधिकारी ने अत्यंत अनूठे तरीके से समस्या का समाधान निकाला और उसे वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई। उन्होंने सर्वप्रथम शशि मिश्रा की मेडिकल रिपोर्ट एवं उसके परिजनों की आर्थिक स्थिति की जाँच कराई। जॉच में मेडिकल रिपोर्ट उसकी अत्यंत खराब आर्थिक दशा की पुष्टि हुई।
हिंदुस्तान ने लिखा कि डीएम ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्धारित प्रक्रिया पूरा करते हुए एक दिन के भीतर अंत्योदय राशन कार्ड बनाने का निर्देश दिया। अंत्योदय राशन कार्ड बनने के बाद शशि आयुष्मान भारत योजना की लाभार्थी बनने के लिये पात्र हो गई। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के आरोग्य मित्र से अगले ही दिन आयुष्मान गोल्डन कार्ड भी बनवा दिया। आयुष्मान कार्ड से सर्जरी पर होने वाले खर्च की व्यवस्था तो हुई, लेकिन हार्ट वॉल्व में लगने वाले उपकरण के लिए अलग से रुपये की व्यवस्था करनी थी। शशि ने दोबारा डीएम से 1.04 लाख रुपये की सहायता मांगी। इस पर डीएम ने फिर से सक्रियता दिखाते हुए सिविल सोसायटी से शशि के खाते में रुपये डालने का आग्रह किया। महज कुछ घण्टों के भीतर ही शशि के खाते में रुपये पहुंच गए। इसके बाद शशि मिश्रा का ऑपरेशन पटना के महावीर आरोग्य संस्थान में हुआ और अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।