नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। कीर्ति कोल समाजवादी पार्टी की फजीहत का सबब बनी। सपा से विधान परिषद उम्मीदवार कीर्ति कोल का पर्चा हुआ निरस्त हो गया। कम उम्र के चलते नामांकन पत्र खारिज किया गया है।
यह किसी भी दल या प्रत्याशी के लिए शर्मनाक है कि जो जिस पद का चुनाव लड़ने जा रहे हों, उन्हें उस पद की अर्हता ही न पता हो। यूपी विधान परिषद का सदस्य के निर्वाचन के लिए न्यूनतम 30 वर्ष की आयु होनी चाहिए लेकिन समाजवादी पार्टी की विधान परिषद उम्मीदवार कीर्ति कोल ने नामांकन पत्र में अपनी उम्र 28 वर्ष दिखाई थी, जिसके चलते रिटर्निंग अफसर की तरफ से नामांकन पत्र की जांच के दौरान आज नामांकन पत्र खारिज करने की कार्यवाही की गई है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के दोनों उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे। दरअसल विधानसभा के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष है जबकि विधान परिषद के लिए 30 वर्ष है। लगता है इसी के चलते ऐसा कंफ्यूजन हुआ होगा।
कीर्ति कोल बीते विधानसभा चुनाव में मिर्जापुर के छानबे विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रह चुकीं हैं। वह आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय महिला सभा की सचिव भी हैं। वह पार्टी में आदिवासी समाज के साथ ही महिलाओं की आवाज को भी काफी सशक्त ढंग से उठाती रही हैं।