एनआरपी डेस्क
लखनऊ। सर्दी शुरू होते ही जो खबर मीडिया और सोशल मीडिया पर छा जाती है, वह है दिल्ली का वायु प्रदूषण। इसके लिए पराली को जिम्मेदार ठहराया जाता है। लेकिन दिल्ली की प्रदूषण वाली हवा का इलाज उत्तर प्रदेश के देवरिया में मौजूद है।
आपको आश्चर्यजनक लगेगा लेकिन आज के प्रमुख अखबार दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान के स्थानीय संस्करणों ने इस खबर को पर्याप्त जगह दी है। आजतक सहित कुछ पोर्टल्स ने भी इन प्रयासों को स्थान दिया है।
यह पहल की है देवरिया के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने। देवरिया में पराली को जलाने के बजाय उसको बेचने का विकल्प दिया गया है। इसके लिए किसानों को पर्याप्त दाम देने की व्यवस्था की गई है। साथ ही पराली जलाने पर एक्शन भी लिया जा रहा है। अखबारों ने लिखा कि डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बायो एनर्जी बोर्ड की बैठक आयोजित हुई। बैठक में तय हुआ कि शुभम बायो एनर्जी किसानों से पराली खरीदेगी। शुभम बायो एनर्जी और किसानों के बीच 150 रुपये क्विंटल की दर से पराली खरीद पर सहमति बनी। शुभम बायो एनर्जी आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करके पराली से बॉयो कोल बनाएगी। सदर तहसील के रतनपुरा गांव से दस टन पराली 15000 रुपये में शुभम बायो एनर्जी ने खरीदी भी।
पराली जलाने वालों पर जुर्माना
देवरिया में पराली जलाने वाले दो किसानों से 2500-2500 रुपये जुर्माने के तौर पर वसूला भी गया। इसके अलावा तीन कंबाइन हार्वेस्टर भी सीज कर दिया गया है। साथ ही गांवों में डुग्गी पिटवाकर पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में सभी को बताया जा रहा है। पराली जलाते हुए पाए जाने पर 2 एकड़ क्षेत्रफल पर 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ क्षेत्रफल पर 5000 रुपये, 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल पर 15000 रुपये जुर्माना वसूलने का निर्णय किया गया है।