मौलाना मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय, बिना लाइसेंस बस चलाने और अपने बयानों के लिए आज़म खां चर्चा में रहे. अमर उजाला ने शोभित श्रीवास्तव की खबर थी- प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री मो. आजम खां के लिए रामपुर स्थित मौलाना मुहम्मद अली जौहर शोध संस्थान के उद्देश्यों में बदलाव कर दिया है. अब यहां पर प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा को जोड़ते हुए उर्दू, अरबी, फारसी के साथ सभी विषयों की शिक्षा को शामिल कर लिया गया है. यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि आजम खां यहां पर बालकों के लिए रामपुर पब्लिक स्कूल खोल सकें. प्रदेश सरकार ने उद्देश्यों में बदलाव करने का फैसला कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से लिया है. मंगलवार को आनन-फानन में इसके औपचारिक आदेश भी जारी कर दिए गए.
अमर उजाला ने चार मार्च को लिखा- रामपुर शोध संस्थान की फ़ाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने वाले सेक्शन ऑफिसर और समीक्षा अधिकारी हटा दिए गए हैं. इनके स्थान पर सेक्शन तीन के सेक्शन ऑफिसर को चार्ज दे दिया गया है. सेक्शन एक समीक्षा अधिकारी को यहाँ लाया गया, इसके बाद यह आदेश जारी करवाया गया. नवभारत टाइम्स ने चार मार्च को लिखा- अंदाज़-ए-आज़म- अपने ऊपर लगे आरोपों का इस अंदाज़ में दिया जवाब, नगर निगम डिग्री कॉलेज के वार्षिकोत्सव में स्टूडेंट्स को किया सम्मानित- ‘बहुत विवादित रहे… हम इतने बुरे ही क्यों हुए..’ ‘आज़म खां गली में ही रहेगा’. हिंदुस्तान ने लिखा- आज़म बोले, मैं अब चुप रहूँगा- उन्होंने खुद पर ही टिप्पड़ी की कि वे इतने बुरे क्यों हुए ? दैनिक जागरण ने चार मार्च को लिखा- भाजपा ने संसदीय कार्य मंत्री आजम खां द्वारा बिना लाइसेंस के रोडवेज बस चलाने पर सवाल खड़ा करते हुए अधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि आजम को सरकारी अफसरों और विद्यार्थियों के जीवन से खिलवाड़ का अधिकार किसने दिया. आजम खां के मनमानेपन के आगे अखिलेश सरकार घुटने टेके है. रामपुर में जिलाधिकारी और एआरटीओ सहित तमाम आला अधिकारियों की मौजूदगी में आजम ने विद्यार्थियों और अधिकारियों की जान को खतरे में डाल कर रोडवेज बस को चलाया.यह कृत्य गैरजिम्मेदाराना है .
नवभारत टाइम्स ने पांच मार्च को लिखा- जौहर अली शोध संस्थान को निजी ट्रस्ट को दिए जाने की शिकायत करने वाली डॉ़ नूतन ठाकुर ने बुधवार को लोकायुक्त के नोटिस का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें अल्पसंख्यक विभाग के ही अफसरों ने गोपनीयता की शर्त पर यह जानकारियां दी थीं इसलिए वह अधिकारियों के शपथ पत्र दाखिल नहीं कर सकतीं. डॉ़ ठाकुर ने अनुरोध किया है कि लोकायुक्त इस मामले की फाइल मंगवा कर तथ्यों की जानकारी ले सकते हैं. लोकायुक्त का कहना है कि वह ये दस्तावेज शासन से नहीं मांग सकते. लोकायुक्त एक्ट की धारा 11 (5) के तहत स्पष्ट है कि वह उस फाइल को तलब नहीं कर सकते, जिस पर कैबिनेट की टिप्पणी या फैसला हो. दैनिक जागरण ने पांच मार्च को लिखा- संसदीय कार्य मंत्री आजम खां द्वारा बिना हैवी लाइसेंस के रोडवेज बस चलाने को मुद्दा बनाते हुए भाजपा ने मुख्यमंत्री से बर्खास्तगी की मांग की है. प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि संसदीय मंत्री ने करीब एक किलोमीटर बिना एचपीवी (हैवी पैसेंजर व्हिकल) लाइसेंस लिए रोडवेज बस चलाकर न केवल नियमों को तोड़ा वरन पद की मर्यादा व गरिमा को भी ध्वस्त किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि आए दिन कानून और मर्यादा तोड़ना संसदीय कार्य मंत्री की फितरत बन चुकी है. कभी थाने में पहुंच कर र्दुव्यवहार करना और संवैधानिक व्यवस्थाओं को ध्वस्त करने के पीछे उनका उद्देश्य खुद को सुपर चीफ मिनिस्टर साबित करने जैसा दिखता है. अमर उजाला ने 6 मार्च को लिखा- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि आजम खां के खिलाफ होली के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी. उन्होंने कैबिनेट मंत्री होते हुए भी कानून का उल्लंघन किया है और मासूम बच्चों की जिंदगी खतरे में डाली थी. बृहस्पतिवार को अपने आवास पर होली मिलन कार्यक्रम के दौरान वाजपेयी कैबिनेट मंत्री आजम खां पर जमकर बरसे. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों रामपुर में आजम ने बच्चों से भरी बस को चलाया था, जबकि उनके पास भारी वाहन चलाने का लाइसेंस नहीं है.