यूपी के सबसे बड़े बजट की सबसे बड़ी कवरेज, दिल्ली एनसीआर के अधिकतर अखबार योगीमय

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नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश किया. इस बजट को अखबारों और चैनलों में उससे भी बड़ी कवरेज मिली. पूरे देश के विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित अखबारों ने योगी के बजट को खासी तवज्जो दी. दिल्ली एनसीआर के अखबार योगी के बजट की खबरों से सराबोर नजर आए.
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उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में राज्य का बजट पेश किया. खन्ना ने कहा है कि बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने के साथ 2023 का बजट उत्तर प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट होगा. यह युवाओं के लिए, किसानों को मजबूत करने और महिलाओं को सम्मान देने के लिए होगा. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “नए उत्तर प्रदेश का बजट” बताते  हुए आज कहा, “यह राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए सुनहरे अध्याय जोड़ेगा.” उन्होंने कहा कि “निःसंदेह यह बजट आदरणीय प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान और महिलाओं समेत समाज के हर वर्ग के हितों को पूरा करेगा.”  योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट कुल 690242.43 करोड़ का बजट पेश किया. वित्त मंत्री खन्ना के अनुसार बजट का लक्ष्य यूपी को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करना होगा.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार बजट की कुछ मुख्य बातें :
✓ दो नए लिंक एक्सप्रेसवे यानी झांसी लिंक एक्सप्रेसवे और चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे के लिए 235 करोड़ रुपये आवंटित.
✓ सामान्य वर्ग की बालिकाओं के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 600 करोड़ रुपये, जबकि ओबीसी कन्याओं के विवाह के लिए 150 करोड़ रुपये.
✓ ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों के लिए 83 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है.
✓ निराश्रित विधवाओं को सहायता प्रदान करने के लिए 4032 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.  प्रदेश में वर्तमान में लगभग 32.62 लाख महिलाओं को सहायता प्रदान की जा रही है.
✓ मेरठ से प्रयागराज तक नए 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 36,230 करोड़ रुपये प्रस्तावित.
✓ 14 नए मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए 2491 करोड़ रुपये का फंड रखा गया है.
✓ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के साथ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने के लिए 200 करोड़ रुपये प्रस्तावित।
✓ फार्मा पार्कों के लिए 25 करोड़ रुपये, यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये और नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिए 26 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.
✓ नई सड़कों और फ्लाईओवर के निर्माण के लिए 21,159 करोड़ रुपये का प्रस्ताव, जबकि मौजूदा लोगों के रखरखाव के लिए 6209 करोड़ रुपये.
✓ 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के जन लोक कल्याण संकल्प पत्र के अनुसार निजी नलकूपों को बिजली दरों में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. इसके लिए 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

किसने क्या कहा :
अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी) 
इसमें इन्वेस्टमेंट लाने के लिए क्या सहूलियत दे रहे हैं, इस बारे में कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां बिजली इतनी महंगी होगी, वहां निवेशक कैसे आएंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में ‘ईज ऑफ बिजनस’ नहीं ‘ईज ऑफ क्राइम’ है. इन्वेस्टर्स समिट के बाद प्रदेश में निवेश लाने के लिए क्या सहूलियत दे रहे हैं ये बात बजट में नहीं है. जो निवेशक आ रहे हैं, जरूरी नहीं है कि वह सिर्फ यूपी में आ रहे हैं.

मायावती (बहुजन समाज पार्टी)
बसपा प्रमुख मायावती ने हमलावर होते हुए योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार के बजट को लोकसभा चुनाव से पहले वादा का प‍िटारा बताया. मायावती ने कहा प्रदेश मजबूत बजट चाह‍िए था न क‍ि कर्ज में डूबी यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए.

केशव प्रसाद मौर्य (उपमुख्यमंत्री)
सीएम योगी के नेतृत्व में पेश बजट गांव, गरीब, किसान, आदिवासी, पिछड़ों व वंचितों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगा. आत्मनिर्भर यूपी के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा.

ब्रजेश पाठक (उपमुख्यमंत्री)
‘नए उत्तर प्रदेश’ का बजट राज्य के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा. यह बजट पीएम की दूरदर्शिता के अनुरूप प्रदेश के हर तबके के हितों की पूर्ति करते हुए राज्य को विकास पथ पर अग्रसर करेगा.

प्रो. एमके अग्रवाल (अर्थशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय) 
योगी सरकार ने 2023-24 के बजट में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को जिस प्रकार एक नई ऊर्जा दी है, वह नए उत्पादन स्रोतों को सृजित करता हुआ नजर आता है. इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में जहां 19% का वृद्धि दर संभावित है, वहीं रोजगार के नए अवसर तेजी से सृजित होते दिख रहे हैं.

मुकेश सिंह (इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स)
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर फोकस, किसानों, युवाओं और रोजगार के कल्याण, स्टार्टअप, टैबलेट और स्मार्टफोन के लिए परिव्यय, आईटी सेक्टर, राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने में मदद करेगा.

रजत सिनर्जी (उद्यमी)
ग्लोबल इंवेटर्स समिट के दौरान 33.5 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर और उसके बाद ये बजट सभी निवेशकों के लिए स्पष्ट संदेश है कि सरकार की ओर से हर व्यवसाय के विकास को पोषित करने के लिए नीति तैयार कर ली गई है.

प्रमोद तिवारी (कांग्रेस) –
योगी सरकार का ये बजट निराशाजनक है. योगी सरकार के कार्यकाल के इस छठे बजट में किसानों की कर्जमाफी का कोई जिक्र नहीं है.

आराधना मिश्रा (विधायक कांग्रेस) –
भाजपा ने 2022 में जिन मुद्दों के आधार पर चुनाव जीता, बजट में वह सारी बातें भुला दीं. न तो होली – दिवाली फ्री सिलिंडर की बात की गई, न नौजवानों के लिए रोजगार और न ही कृषि लागत कम करने का कहीं कोई जिक्र है.

अनिल दुबे (राष्ट्रीय लोक दल)
बजट में किसानों, नौजवानों और महिलाओं की पूरी तरीके से अनदेखी की गई। पिछले बजट का ब्योरा न देकर यह साबित कर दिया है कि भाजपा की सरकार विकास और आय का झूठा प्रचार कर रही है.

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