FLOP **** (News Rating Point) 15.08.2015
विवादास्पद टेलीफोन एक्सचेंज मामले में पूर्व टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन की मुश्किलें इस सप्ताह और बढ़ गयीं. मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को मारन की अंतरिम अग्रिम जमानत खारिज कर दी. कोर्ट ने राजनीतिक प्रतिशोध के आरोपों को दरकिनार करते हुए मारन को सीबीआई के समक्ष सरेंडर करने को कहा. अपने 49 पन्नों के आदेश में जस्टिस एस वैद्यनाथन ने कहा कि ‘प्रथम दृष्टया’ यह नजर आता है कि मारन ने ‘अवैध तरीके से’ से टेलीफोन कनेक्शन हासिल करने के लिए अपने पद का ‘दुरुपयोग’ किया. उनके खिलाफ लगाए गए आरोप काफी पुख्ता हैं. उन्होंने कहा, ‘याचिकाकर्ता के खिलाफ उपलब्ध दस्तावेज का मूल्यांकन करने के बाद मुझे प्रथम दृष्टया मामले में उनकी सक्रिय भूमिका नजर आती है. केंद्रीय टेलीकॉम एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के पद पर रहते मारन ने गलत तरीके से फायदा पाने के लिए पद का दुरुपयोग किया.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)