एनआरपी डेस्क 
लखनऊ। अब किसी आपदा के दौरान मलबे में फंसे लोगों को उनकी दिल की धड़कन से ही तलाशा जा सकेगा। विक्टिम लोकेटेड कैमरा (VLC) धुएं के बीच 3.5 मीटर गहराई तक जाकर फंसे लोगों की लोकेशन बता देगा। इसी तरह किसी गाड़ी या सामान पर ब्लैंकेट फेंककर एक बार में पूरी आग बुझाई जा सकेगी। ऐसी तमाम खूबियों वाले मल्टी डिजास्टर रेस्पॉन्स वीइकल (MDRV) और आर्टिकुलेटिंग वाटर टॉवर (AWT) महाकुंभ में लगाए गए थे। महाकुंभ के बाद इन्हें फायर ब्रिगेड के बेड़े में शामिल किया गया है।  गर्मी बढ़ने के साथ जिले में आग की घटनाएँ बढ़ रही हैं। खेतों में गेहूं की फसल आग की चपेट में आ रही है तो से घरों-दफ्तरों में आग लगने के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसी घटनाओं में जानमाल का नुकसान रोकने के लिए फायर सेफ्टी विभाग ने अपने बेड़े में एमडीआरवी और एडब्ल्यूटी को शामिल किया है। सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि लखनऊ के अलावा कानपुर और नोएडा की फायर ब्रिगेड को भी एमडीआरवी दिए गए हैं।
 



