आवास विकास और एलडीए ने कराई सरकार की फजीहत, अखबारों ने प्रमुखता से छापा

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नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। आवास विकास परिषद और लखनऊ विकास प्राधिकरण के चलते यूपी सरकार को फजीहत का सामना करना पड़ा। होटल लेवाना सुइट्स अग्निकांड मामले में सुनवाई करते हुए गुरुवार को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को फटकार लगाई। सुनवाई के दौरान पेश सरकारी अधिवक्ता ने विस्तृत हलफनामा नहीं पेश किया। इस पर कोर्ट ने कहा कि एलडीए और आवास विकास जैसे प्राधिकरणों को देखने (रेग्युलेशन) का काम सरकार का जबकि यहां सरकार का काम हमें करना पड़ रहा है। इस खबर को दैनिक जागरण, टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान, अमर उजाला, नवभारत टाइम्स सहित लखनऊ के अखबारों ने प्रमुखता से छापा।


जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की बेंच ने होटल लेवाना सुइट्स में आग की घटना पर स्वतः संज्ञान लेकर पूर्व में दर्ज पीआईएल पर गुरुवार को खुली अदालत में सुनवाई की। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता-द्वितीय शैलेंद्र कुमार सिंह ने चीफ फायर अफसर-लखनऊ का हलफनामा पेश किया। इसमें एनओसी जारी करने के संबंध में जानकारी थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम जानना चाहते है कि फायर नॉर्म्स का पालन न करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
सुनवाई के दौरान एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी भी पेश हुए। कोर्ट ने एलडीए को सर्वेक्षण के बाद विस्तृत हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा कि शहर में कितने भवन एलडीए के बायलॉज का उल्लंघन करते हुए बनाए गए हैं और उन पर क्या कार्रवाई की गई। इसके साथ अपर मुख्य सचिव, आवास व शहरी नियोजन, नगर आयुक्त लखनऊ और आयुक्त-आवास विकास परिषद को भी पक्षकार बनाने के आदेश दिए।

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