Arun Jaitley BJP

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HIT * (News Rating Point) 28.02.2014
इस सप्ताह तो वित्त मंत्री अरुण जेटली को सुर्ख़ियों में रहना ही था. टीवी चैनलों और अख़बारों में वह आम बजट को लेकर लगातार चर्चा में बने रहे. आज ही उन्होंने बजट पेश किया है और आज ही यह रेटिंग जारी हो रही है. इसलिए बजट को लेकर मीडिया में उनकी कैसी छवि बनी यह तो कल के अखबार देखकर ही पूरी तरह तय हो पायेगा. लेकिन बजट पेश करने के बाद टीवी चैनल में उनका लगातार विश्लेषण हो रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा ने ट्वीट किया- FM @arunjaitley must be congratulated for this pro-poor, pro-growth, pro-middle class, pro-youth & paradigm shifting Budget. सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड्गे ने बजट को प्रो कार्पोरेट बताया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डीडी न्यूज़ की एक डिबेट में कहा- मिडिल क्लास को खुद अपना ख्याल रखना होगा. 5 साल में अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे. बसपा प्रमुख मायावती ने कहा- देश की आम जनता के हिसाब से बजट मुझे प्रैक्टिकल नहीं लग रहा है. उद्योगपतियों और धन्ना सेठों को ध्यान में रखकर यह बजट तैयार किया गया है. एबीपी न्यूज़ खबर चलाई- मिडिल क्लास के अच्छे दिन नहीं. ज़ी न्यूज़- पैसा लगाओ पैसा बचाओ. इंडिया टीवी- नौकरीपेशा को मामूली राहत. आजतक- पैसा लगाइए पैसा बचाइये. इंडिया न्यूज़- इनकम टैक्स बदला नहीं, सर्विस टैक्स बदला.टाइम्स नाउ ने चलाया- No change in individual tax, service tax to increase to 14 %,Big boost to corporate sector. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा- गरीबों को सुरक्षा देने वाला बजट है. काले धन के क़ानून का भी स्वागत करता हूँ. आम बजट के बाद मीडिया से नितीश कुमार ने कहा कि वित्त मंत्री ने आन्ध्र के तर्ज पर जो पैसे की व्यवस्था की घोषणा की उसका वह स्वागत करते हैं. बिहार को टैक्स में छूट दे केंद्र सरकार. नितीश की यह बाईट ज़्यादातर चैनलों चलाई.
आजतक पर राहुल बजाज ने इस बजट को 10 में से 9 नंबर दिए. आइसीआइसीआइ की सीईओ चंदा कोचर ने कहा- प्रैक्टिकल एप्रोच के साथ बना बजट है. वैसे अरुण जेटली टीवी और अखबार में पूरे हफ्ते चमकते रहे. पहले संविधान की प्रस्तावना को लेकर उनका बयान अखबारों में छाया. 25 फरवरी को नवभारत टाइम्स ने लिखा- जेटली बोले, नहीं हटेंगे ‘सेक्युलर, सोशलिस्ट’ शब्द- सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि संविधान की प्रस्तावना से ‘सेक्युलर, सोशलिस्ट’ शब्द हटाने का उसका कोई प्रस्ताव नहीं है और डीएवीपी को भविष्य में संविधान की प्रस्तावना को किसी भी विज्ञापन में प्रदर्शित करने पर केवल उसके संशोधित संस्करण को ही दिखाने के कड़े निर्देश दिए गए हैं. फिर भूमि अधिग्रहण बिल पर उनका आक्रामक रुख चर्चा का विषय बना. 27 फरवरी को दैनिक जागरण ने लिखा- भूमि अधिग्रहण पर सरकार की ओर से कांग्रेस को बेनकाब करने की कवायद चल रही है. राज्यसभा में गुरुवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस क्रम में पूर्व वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा का पत्र सामने रख दिया. पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा गया था और उसमें किसानों से 80 फीसद सहमति रखने के प्रावधान पर आपत्ति जताई गई थी. जेटली ने कहा कि यह कांग्रेस नेताओं का दोहरा चरित्र दिखाता है. उन्होंने संप्रग काल के भूमि अधिग्रहण विधेयक को सुरक्षा दृष्टि से भी खतरनाक बताया और कहा कि उसमें रक्षा परियोजना को सामाजिक प्रभाव आकलन के दायरे से बाहर नहीं रखा गया था जिसके कारण संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान तक जाने का खतरा था. टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लिखा- Finance minister Arun Jaitley on Thursday strongly defended the amendments introduced by NDA in the land acquisition law as he urged the opposition not to create an environment in which industry and infrastructure became `bad words’. नवभारत टाइम्स-​ ​राज्यसभा में मुखर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यूपीए के जमीन अधिग्रहण कानून से राष्ट्रीय सुरक्षा तक को खतरा है​. ​उन्होंने कहा कि उस कानून में ऐसे प्रावाधान थे, जिससे डिफेंस सेक्टर जैसे मसलों पर सूचनाएं भी पाकिस्तान तक पहुंच जातीं​ .​किसान विरोधी होने के आरोप पर उन्होंने कहा कि 9 महीने में सरकार ने विकास के प्रति अपनी मंशा साफ कर दी है​. बजट पर विपक्ष की प्रतिक्रिया और कुछ मुद्दों को छोड़ दें तो अरुण जेटली का ग्राफ चढ़ा नज़र आया.

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