बीजेपी से खतौली विधायक विक्रम सैनी को दो साल की जेल, अखबारों की प्रमुख खबर

0

एनआरपी डेस्क
मुजफ्फरनगर। नौ साल पहले हुए मुजफ्फरनगर दंगे का फैसला आ गया है। नौ साल बाद कोर्ट ने खतौली विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को दोषी करार दिया है। एडीजे कोर्ट ने इन सभी को दो-दो साल कारावास एवं 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जमानत पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी को 25 25 हजार रुपये के बंधपत्र पर जमानत दे दी। साक्ष्य के अभाव में 15 आरोपियों को बरी कर दिया गया है जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है। इस खबर को हिन्दी और अंग्रेजी के अखबारों ने प्रमुखता से छापा है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि 27 अगस्त 2013 को कवाल कांड के बाद 28 अगस्त की शाम कवाल में तोड़फोड़ एवं मारपीट हुई थी। बाद में 29 अगस्त को दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया था। इस मामले में जानसठ पुलिस ने विधायक विक्रम सैनी समेत 28 लोगों को आरोपी बनाकर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इनमें से एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है।
मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या-4 गोपाल उपाध्याय की कोर्ट में हुई। अधिवक्ता के अनुसार कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विधायक विक्रम सैनी सहित 12 आरोपियों को विभिन्न आरोपों में दोषी ठहराया, जबकि इन सभी को धारा 307 के आरोपों से बरी कर दिया। कोर्ट ने विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को दो-दो साल की कारवास एवं 10 10 हजार का अर्थदंड भी लगाया है।
इस मामले में 15 आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया। विधायक विक्रम सिंह के अधिवक्ता भरतवीर अहलावत ने बताया कि उनकी ओर से कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान कर दी। इसके साथ ही अन्य सभी दोषियों को भी 25-25 हजार के बंधपत्र पर जमानत मिल गई है।

क्या था कवाल कांड
27 अगस्त 2013 को जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल में शाहनवाज की हत्या के बाद मलिकपुरा निवासी ममेरे भाइयों सचिन और गौरव की हत्या कर दी गई थी। इस कांड के बाद कवाल गांव में तनाव फैल गया था। 28 अगस्त को सचिन और गौरव की अंत्येष्टि से लौटते समय मारपीट और तोड़फोड़ के बाद बवाल हो गया था। मुजफ्फरनगर दंगे ने यहीं से तूल पकड़ा था।

इन धाराओं में हुआ था मुकदमा
पुलिस ने 29 अगस्त की घटना को लेकर मौजूदा विधायक सहित 28 लोगों को नामजद आरोपी बनाया था। सभी पर आइपीसी की धारा-147, 148, 149, 307, 336, 153-ए, 504, 506, 353, 186 आइपीसी और 7 सीएलए एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। पुलिस ने विवेचना कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।

हाईकोर्ट में करेंगे अपील
खतौली विधायक विक्रम सिंह सैनी का कहना है कि कवाल के बवाल में पुलिस ने मेरे ऊपर केस दर्ज कर कई तरह के आरोप लगाए थे। मेरे पास एक बलकटी भी बरामद दिखाई थी। इस मामले में आज कोर्ट का फैसला आया है, हम न्याय पालिका का सम्मान करते हैं। लेकिन अपन पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट मे अपील करेंगे मुझे उम्मीद है वहां से राहत जरूर मिलेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here