आईएएस अमित मोहन जांच प्रकरण से बढ़ा ब्रजेश पाठक का न्यूज़ ग्राफ

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एनआरपी डेस्क
लखनऊ। खबर तो ये है कि अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के खिलाफ जांच के लिए पीएमओ ने लिखा लेकिन इससे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का ग्राफ चढ़ा। विभिन्न मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर चर्चा थी कि अफसरों की मनमानी के खिलाफ जो आवाज ब्रजेश पाठक ने मुखर की। उसके बाद अन्य मंत्री भी एक्टिव हुए हैं।
आजतक ने अपने पोर्टल पर लिखा कि उत्तर प्रदेश में ‘तबादलों में भ्रष्टाचार और कार्रवाई को लेकर नाराज चल रहे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को दिल्ली बुलाए जाने की चर्चा है। वे पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगे। इससे पहले यूपी के एक और नाराज मंत्री दिनेश खटीक ने दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। आलाकमान ने ब्रजेश पाठक को दिल्ली बुलाया है। ब्रजेश पाठक को ऐसे वक्त पर दिल्ली बुलाया गया जब, उनके, जितिन प्रसाद और दिनेश खटीक के नाराज होने की खबरें सामने आ रही हैं। जितिन प्रसाद भी बुधवार को दिल्ली पहुंचे थे। हालांकि, उनकी मुलाकात किसी नेता से नहीं हो पाई।
अमर उजाला ने लिखा है अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के खिलाफ की गई शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शासन को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। लखनऊ के महेश चंद्र श्रीवास्तव ने पीएमओ को भेजी गई शिकायत में अमित मोहन पर अस्पतालों में अग्निशमन से संबंधित कराए जा रहे कार्यों का एक फर्म का भुगतान रोकने का आरोप लगाया है।
नवभारत टाइम्स ने लिखा कि उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के पत्र के बाद से हड़कंप मचा है। अपर मुख्य सचिव की मुश्किलें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। एसीएस स्वास्थ्य के ऊपर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि उन्होंने विद्वेष की भावना से कई जिलों में फर्म का भुगतान रोक रखा है। इस पर पीएमओ ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर उचित कार्रवाई करने को कहा।
दैनिक जागरण ने लिखा कि छह सितंबर 2021 को सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रविन्द्र के आदेश पर आर क्यूब ग्रुप आफ कंपनीज और इसकी सहयोगी कंपनियों को काली सूची में डाल दिया गया था। आर क्यूब ग्रुप आफ कंपनीज के प्रबंध निदेशक महेश चंद्र श्रीवास्तव पर पांच करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का आरोप था। अब मामला पीएमओ तक जा पहुंच गया है।
हिंदुस्तान ने लिखा कि लखनऊ, आगरा, वाराणसी, कानपुर नगर, मेरठ एवं प्रयागराज स्थित कई ‘अस्पतालों और सीएचसी में फायर फाइटिंग के काम भी किए गए हैं। कंपनी ने भुगतान न होने के लिए सीधे तौर पर अपर मुख्य सचिव की शिकायत की है। बता दें कि गत दिवस लोकायुक्त द्वारा भी एसीएस अमित मोहन प्रसाद को नोटिस जारी कर मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन से जुड़े मामले में जवाब तलब किया है। इस मामले में एसीएस अमित मोहन प्रसाद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे ऐसे किसी मामले की कोई जानकारी नहीं है।
दैनिक भास्कर ने लिखा कि अमित मोहन प्रसाद पर निजी कंपनी द्वारा लगाया जाए आरोप की जांच के लिए PMO ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र को पत्र लिखा है। मुख्य सचिव को बताया गया है कि आर क्‍यूब ग्रुप ऑफ कंपनीज के महेश चंद श्रीवास्तव द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को 27 जून 2022 को शिकायती पत्र भेजा था। इसमें कहा है कि उनकी कंपनी ने गोरखपुर, बलिया, प्रयागराज और गोंडा के जिला चिकित्सालयों में सेंट्रल गैस पाइपलाइन सिस्टम लगाने और 5 वर्षों तक देख-रेख का काम किया।
इसके अतिरिक्त लखनऊ के सिविल अस्पताल, भाऊराव देवरस संयुक्त चिकित्सालय महानगर में मॉड्यूलर ओटी के साथ ही अन्य काम भी किए गए। लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर नगर, प्रयागराज स्थित सीएचसी तथा राजाजीपुरम लखनऊ स्थित रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में फायर फाइटिंग के काम भी किए गए हैं। कंपनी ने इसका भुगतान नहीं होने के लिए सीधे तौर पर अपर मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराते हुए उनकी शिकायत की है।
ट्राइसिटी टुडे ने लिखा कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के तबादलों में गड़बड़ी पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने आपत्ति जताई थी। अपर मुख्य सचिव को एक पत्र भी भेजा था। उसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया। एसीएस हेल्थ अमित मोहन प्रसाद की अगुवाई में हुए तबादलों पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के लिखे गए पत्र के बाद हुई जांच में भयंकर गड़बड़ियां सामने आई हैं।

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