एनआरपी डेस्क
लखनऊ। कार्रवाई की नई परिपाटी को जन्म देने के लिए बुलडोजर वाले बाबा के नाम से विख्यात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ भी एक नया अस्त्र ढूंढ़ निकाला है। बुधवार को योगी ने रिश्वत लेने वाले एक डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को इंस्पेक्टर बनाने का निर्देश दिया। इसके बाद यह खबर टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर छा गई। गुरुवार को अखबारों ने भी इसे प्रमुखता से छापा। सोशल मीडिया पर भी सीएम का ये अंदाज़ लोगों को भाया। हालांकि की यूपी सरकार के ट्विटर हैंडल से स्पष्ट ट्वीट न होने की वजह से किसी ने डिमोशन को सिपाही चलाया, किसी ने दरोगा और किसी ने इंस्पेक्टर लेकिन खबर जबरदस्त चर्चा में बनी रही।
#UPCM @myogiadityanath जी ने अनुशासनहीनता के आरोपी तत्कालीन क्षेत्राधिकारी/उपाधीक्षक, जनपद रामपुर को मूल पद पर प्रत्यावर्तित करने का निर्णय लिया है। @UPGovt @spgoyal @sanjaychapps1 pic.twitter.com/0jLcwsyBmz
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) November 1, 2022
लखनऊ
➡भ्रष्टाचार पर सीएम योगी का बड़ा प्रहार
➡भ्रष्टाचार में लिप्त CO को बनाया सिपाही
➡रिश्वत लेने के आरोप में सीओ के डिमोशन
➡क्षेत्राधिकारी को सिपाही बनाने का दिया निर्देश
➡रामपुर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी का डिमोशन#Lucknow @myogiadityanath pic.twitter.com/7Il7nXGoAR
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) November 2, 2022
सीएम योगी का ये फैसला सुना क्या? दरअसल, रामपुर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी (नगर) राम किशोर शर्मा का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें रिश्वतखोरी की बात हो रही थी। अब भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सीओ साहब को डिमोट कर सिपाही बना दिया गया है।#UttarPradesh #Rampur #ख़बर_यूपीतक pic.twitter.com/9JWDo4J9qF
— UP Tak (@UPTakOfficial) November 2, 2022
#LIVE | योगी ने सीओ को दारोगा बना दिया; देखिए 'ये भारत की बात है' सैयद सुहेल के साथ रिपब्लिक भारत पर – https://t.co/nx9FOVWXFS pic.twitter.com/HigivoXJWq
— रिपब्लिक भारत (@Republic_Bharat) November 2, 2022
सीएम योगी ने रामपुर नगर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी डीएसपी विद्या किशोर शर्मा को रिश्वत लेने के आरोप में मूल पद पर प्रत्यावर्तित करने का निर्णय लिया। विद्या किशोर शर्मा को 2021 में रामपुर में पदस्थापित किया गया था, जहां उन्हें रिश्वत मामले में प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित कर दिया गया था और मामले की जांच शुरू कर दी गई थी। जांच में विद्या किशोर शर्मा को दोषी पाया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त एक्शन लेते हुए डिप्टी एसपी को डिमोट करके इंस्पेक्टर बनाने का निर्देश दिया।