एनआरपी डेस्क
लखनऊ। तबादलों और अफसरों के मनमानी की जनसत्ता की खबर ने यूपी सरकार की छवि पर डेंट लगाया है। खबर में लिखा गया है कि पांच साल सरकार चलाने के बाद दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार में सेवानिवृत्त अधिकारियों के तबादलों ने योगी आदित्यनाथ की खासी किरकिरी कराई है।
योगी आदित्यनाथ के मंत्री जी अपने विभाग का औचक निरीक्षण कर सुर्खिया बटोरने में लगे थे, उन्हें अपने विभाग में ही रहे घपले की भनक तक नही हुई, बात गले से नीचे उतरने वाली है तो नहीं, लेकिन सरकार अपने बचाव में अब तक यही दलील देती आई है। खबर में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री जितिन प्रसाद और संजय निषाद की नाराज़गी का भी जिक्र किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि शासन ने गलत तरीके से स्थानान्तरित किए गए 89 चिकित्सकों के संबंध में जवाब तलब किया। अब इन 89 चिकित्सकों में से 30 का स्थानान्तरण निरस्त करने की बात कही जा रही है। स्वास्थ्य महानिदेशक स्वीकार किया है कि नियमों का पालन नहीं किया गया।
खबर में लिखा है कि उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पाठक ने इस प्रकरण को गृह मंत्री से साझा किया था। उसके बाद पीएमओ कार्यालय के हस्तक्षेप से जांच कमेटी बनाई गई। स्वास्थ्य के अपर मुख्य सचिव की खूब चली।



