देवरिया। डीएम देवरिया जितेंद्र प्रताप सिंह ने जो छापे, जांच और औचक निरीक्षण का सिलसिला शुरू किया था, वो लगातार जारी है। डीएम ने गबन के दो अलग-अलग मामलों में जांच के बाद दो पूर्व प्रधानों से 14.57 लाख रुपये की वसूली का निर्देश दिया। उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1947 की धारा 27 में दिए गए प्रावधानों के अंतर्गत धनराशि वसूल की जाएगी। दोनों पूर्व प्रधानों को यह राशि 15 दिन के अंदर ग्राम निधि में जमा करनी होगी। निर्धारित अवधि में धनराशि जमा नहीं करने पर भू राजस्व बकाए की तरह वसूली की जाएगी। इस खबर को कई लोकप्रिय अखबारों ने प्रमुखता से छापा।
डीएम देवरिया जितेंद्र प्रताप सिंह ने जो छापे, जांच और औचक निरीक्षण का सिलसिला शुरू किया था, वो लगातार जारी है। आज के अखबारों में इस खबर को प्रमुखता से छापा।@myogioffice @dmdeoria
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अखबारों ने लिखा कि जिलाधिकारी ने कहा कि विकास खंड गौरीबाजार क्षेत्र के जंगल अकटहा निवासी आशुतोष सिंह ने शौचालय निर्माण एवं अन्य विकास कार्यों में गबन की शिकायत की थी। इसकी जांच जिला क्रीड़ा अधिकारी एवं सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग ने की। जांच रिपोर्ट में 25,04,845 रुपये के शासकीय धन के दुरुपयोग की बात सामने आई। उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1947 में निर्धारित प्राविधान के अनुसार तत्कालीन प्रधान रामचंद्र निषाद से आधी धनराशि 12,52,422 रुपये वसूल करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकारी धन के दुरुपयोग के एक अन्य प्रकरण में संतोष पांडेय, निवासी बभनौली, ब्लाक गौरी बाजार ने शपथ पत्र के माध्यम से ग्राम पंचायत में कराए गए निर्माण कार्य में 14 बिंदुओं में अनियमितता की शिकायत की थी।