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HIT * (News Rating Point) 23.01.2016
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य संजय पासवान हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में अपनी पार्टी के सदस्यों के रवैए पर असंतुष्टि जताने की वजह से चर्चा में रहे. उन्होंने ट्वीट कर अपनी ही पार्टी को चेताया. इसके अलावा उन्होंने बीबीसी से एक इंटरव्यू में अपना यह दर्द जताया. उन्होंने कहा कि इस मामले में संवेदनशीलता दिखाई जानी चाहिए थी और स्थानीय सांसद होने के नाते बंडारु दत्तात्रेय का सीधे तौर पर उस छात्र को एंटी-नेशनल कहना सही नहीं था. पासवान ने कहा कि यह केंद्रीय विश्वविद्यालय का मामला था ऐसे में मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को इस मसले पर पहले प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी, जबकि उन्होंने बुधवार को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “मानव संसाधन मंत्री के कार्यालय से इस बात के लिए बार-बार रिमाइंडर जाना सही नहीं था इसलिए मुझे लगा कि मुझे इस बात को रखना चाहिए.” पासवान का कहना है कि वहां के वाइस चांसलर को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए था, जिससे एक संदेश मिलता. पार्टी के क़दमों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “लोग अगर अलग होंगे तो हमारी पार्टी कमज़ोर होगी, दलित समाज को अलग-थलग करना सही नहीं है. इसी वजह से मैं लोगों के बयान से संतुष्ट नहीं हूं.” उन्होंने कहा, “मैंने कहा है कि प्रधानमंत्री को इस मामले में एक बयान देना चाहिए था जिससे एक बड़ा संदेश जाता, लेकिन उन्होंने कोई बयान नहीं दिया.” हालांकि शुक्रवार को लखनऊ में प्रधानमंत्री ने इस खुदकुशी पर दुःख जताती हुए कहा कि भारत मां ने अपना एक लाल खोया है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)