लखनऊ। क्या गेटमैन, खलासी, चपरासी अपनी कार से ड्यूटी पर नहीं आ सकता? इस सवाल का जवाब है कि नही आ सकता। हापुड़ में एक ऐसी ही कार्रवाई हुई है। हापुड़ में एक गेटमैन को कार से आने पर नोटिस दी गई है।
इस खबर को ZEE News (ज़ी न्यूज़) ने अपने पोर्टल पर पायनियर की खबर के हवाले प्रकाशित किया है। हुआ यह कि हापुड़ में एक रेलवे क्रॉसिंग पर तैनात गेटमैन बीते 23 और 24 जुलाई को ड्यूटी पर थे। इसी दौरान उत्तर रेलवे के प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर (PCE) सतीश कुमार पाण्डेय दिल्ली लखनऊ एसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12430) से इंस्पेक्शन कर रहे थे. उन्होंने देखा कि रेलवे क्रॉसिंग के पास एक कार पार्क है। PCE ने तुरंत इस बारे में जानकारी ली. अधिकारी को पता चला की ये कार गेटमैन की है वो इसी से ड्यूटी करने आता है।
कार से ड्यूटी पर आने पर गेटमैन पर एक्शन हो गया। सीनियर सेक्शन इंजीनियर (SSE) ने गेटमैन को नोटिस जारी कर दिया। इसमें कहा गया कि प्राइवेट फेमिली कार से ड्यूटी पर आना रेलवे के प्रोटोकाल (Railway Protocol) का उल्लंघन है। इतना ही नहीं इस नोटिस में बाकायदा बताया गया कि गेटमैन ने रेलवे प्रशासन अधिनियम 1968 के पैरा संख्या 3 का उल्लंघन किया है। नोटिस में आगे कहा गया, ‘आपके द्वारा कर से ड्यूटी करना रेल प्रोटोकाल के उल्लंघन में आता है. अत: आपका यह कृत्य ड्यूटी के प्रति लापरवाही दर्शाता है।’
जानिए क्या कहते हैं नियम
रेलवे कर्मचारी से इस मसले पर लिखित जवाब मांगा गया है। जब रेलवे के इस नियम के बारे में रेलवे के एक सीनियर अधिकारी से पूछा गया, तो पता चला कि रेलवे कानून के खंड रेलवे सेवक (अनुशासन और अपील) नियम 1968 हैं। रेल सेवकों को चार्जशीट करते समय उन्हें ये बताया जाता है। इस नियम के खंड और उपधारा में उल्लेख किया गया है कि सभी रेल सेवक हर समय-(i) पूर्ण सत्यनिष्ठा बनाए रखेंगे; (ii) कर्तव्य के प्रति समर्पण बनाए रखेंगे और (iii) ऐसा कुछ भी न करें जो रेल सेवक के लिए अशोभनीय हो।