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HIT ** (News Rating Point) 07.05.2016′
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय की रीढ़ की हड्डी में फंसी गोली को जटिल ऑपरेशन के जरिए उनके शरीर से निकाल दिए जाने की वजह से चर्चा में रहे. अखबारों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया. रीढ़ की हड्डी के स्पेशलिस्ट सीनियर सर्जन डॉ. आर जी कृष्णन ने सफलतापूर्वक इस ऑपरेशन को पूरा किया. गोपाल राय के शरीर में साल 1999 से यह गोली फंसी हुई थी. दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनका ऑपरेशन किया गया. लखनऊ विश्वविद्यालय से निष्कासित किए जाने पर बौखलाए गुट ने 18 जनवरी 1999 को धोखे से गोपाल राय को गोली मारी थी. यही गोली उनकी रीढ़ की हड्डी में जा फंसी थी. राय इस हमले में बच तो गए थे लेकिन गर्दन के नीचे का हिस्सा निष्क्रिय हो गया था. इलाज के बाद उनकी स्थिति काफी हद तक ठीक हो गई. उस समय चिकित्सकों ने रीढ़ की हड्डी में फंसी गोली को निकालने में उनकी जान को खतरा बताया था. चूंकि यह ऑपरेशन बेहद जटिल था और इसपर खर्च भी बहुत ज्यादा था इसलिए उस वक्त इसे नहीं निकाला जा सका. अब उनकी तकलीफ अधिक बढ़ गई, जिसके बाद जांच की गई और डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए हरी झंडी दे दी.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)