HIT ** (News Rating Point) 30.05.2015
बिहार की सियासत में जीतन राम मांझी इस सप्ताह एक महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरे हैं. एक तरफ तो जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री नितीश कुमार बिलकुल नहीं पसंद कर रहे हैं और दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव चाहते हैं कि जनता परिवार की एकजुटता में जीतन राम मांझी भी साथ हों. हालांकि जीतन राम मांझी ने अपना रुख साफ़ नहीं किया है. अखबारों ने तो यहाँ तक लिखा कि लालू और नितीश की दोस्ती में मांझी एक बड़ा काँटा हैं. दूसरी ओर भाजपा भी मांझी पर डोरे डाल रही है. जीतनराम मांझी के सम्बन्ध में अमित शाह ने कहा कि पार्टी के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं और बिहार के चुनाव के मद्देनज़र बातचीत भी जारी है. इसके बाद मांझी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. उनकी मुलाकात को बिहार चुनाव को लेकर गठबंधन की दिशा में बढ़ा कदम माना जा रहा है. नवभारत टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि मांझी के साथ बीजेपी के गठबंधन में सबसे बड़ा पेच रामविलास पासवान बने हुए हैं. पासवान नहीं चाहते हैं कि बिहार में जीतन राम मांझी या किसी अन्य दलित नेता के साथ बीजेपी का कोई गठबंधन हो.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)