FLOP **** (News Rating Point) 07.03.2015
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में वाराणसी से नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद कैलाश चौरासिया एक बार फिर चर्चा में हैं और चर्चा की वजह एक मामले में उनको हुई सजा है. मार्च के पहले दिन अखबारों के यूपी संस्करणों में यह खबर छाई रही. अमर उजाला ने लिखा- डाककर्मी के कार्य में बाधा पहुंचाने एवं उसे जान से मारने की धमकी देने समेत कई अन्य आरोपों में दोषी पाए गए बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया को शनिवार को सीजेएम राजेश भारद्वाज ने तीन वर्ष की सजा सुनाई. उन पर नौ हजार रुपये जुर्माना भी लगाया. हालांकि मंत्री को अंतरिम जमानत मिल गई.
नवभारत टाइम्स- प्रदेश के राज्यमंत्री व लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के खिलाफ सपा उम्मीदवार कैलाश चौरसिया को पोस्टमैन की पिटाई के मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई है. मामला 19 साल पहले का है. मिर्जापुर के सीजेएम राजेश कुमार भारद्वाज ने शनिवार को 1995 में डाकिया कृष्णदेव त्रिपाठी की पिटाई कर डाक पत्र छीनने के आरोप में बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया को दोषी करार दिया है. उन्हें तीन साल कारावास और नौ हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. हिंदुस्तान का शीर्षक था- राज्यमंत्री चौरसिया को तीन साल की सजा. राजस्थान पत्रिका ने लिखा- शनिवार को सीजेएम राजेश भारद्वाज की अदालत ने 19 साल पहले डाकिया से चिट्ठी का बंडल छीनकर मारपीट, गाली गलौज के मामले में बेसिक शिक्षा व बाल विकास पुष्टाहार राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया को तीन वर्ष की सजा सुनाई. इसके अलावा नौ हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. हरिभूमि ने लिखा- उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री व लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के खिलाफ सपा उम्मीदवार कैलाश चौरसिया को पोस्टमैन की पिटाई के मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई है. मामला 19 साल पहले का है
. उसके बाद से चौरसिया लगातार अखबारों में बने कभी पद से न हटाये जाने की वजह से कभी मुख्यमंत्री के सपोर्ट की वजह से. अमर उजाला ने दो मार्च को लिखा- अदालत से तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. इस्तीफा न देने पर उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया जा सकता है. आपराधिक मामले में दो साल से ज्यादा सजा सुनाए जाने पर जनप्रतनिधि की सदस्यता स्वत: खत्म हो जाने का प्रावधान है. चौरसिया को तीन साल की सजा हुई है, इसलिए दोषी पाए जाने के वक्त से ही उनकी सदस्यता समाप्त हो गई है. हालांकि सदस्यता समाप्ति के औपचारिक आदेश अभी जारी नहीं हुए हैं. फिर पांच मार्च को लिखा- सीएम ने चौरसिया का किया बचाव कहा-हाईकोर्ट में करेंगे अपील-बाल पुष्टाहार एवं बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया के भाग्य का फैसला अब हाईकोर्ट करेगा. वाराणसी में भारत-नेपाल मैत्री बस, लोहिया ग्रामीण बसों का शुभ्ाारंभ करने आए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अपने खिलाफ हुई सजा के फैसले को कैलाश चौरसिया बड़ी अदालत में चुनौती देंगे. अदालत का जो भी फैसला होगा उसका सम्मान किया जाएगा. 6 मार्च को अखबारों ने लिखा- बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया को तीन साल की सजा मिलने के बाद भी सरकार द्वारा उन्हें न हटाने की शिकायत राज्यपाल राम नाईक से की गई है. शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर अपने मंत्री को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. राज्यपाल को भेजी शिकायत में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने कहा है कि कानूनी दृष्टि से मंत्री नहीं रहने के बावजूद मुख्यमंत्री कैलाश चौरसिया को नहीं हटा रहे हैं.