Lal Krishna Advani BJP

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FLOP ***** (News Rating Point) 04.04.2015

इस सप्ताह जो खबरें आयीं, वह यह अहसास कराने के लिए काफी थीं कि भारतीय जनता पार्टी में लालकृष्ण आडवाणी अब सक्रिय राजनीति छोड़कर आराम करना चाहिए. ऐसा पहली बार हुआ है जब वह पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए हों और उन्हें बोलने का समय नहीं मिला हो. इतना ही नहीं भाजपा के स्थापना दिवस में भी आडवाणी नज़र नहीं आये. खबरें छपीं कि उन्हें सिर्फ एक एसएमएस भेजकर स्थापना दिवस के लिए आमंत्रित किया गया था.

यूं तो स्पष्ट कारणों से भाजपा के मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी पहले ही नेपथ्य में थे. शनिवार को अनौपचारिक रूप से पार्टी में आडवाणी काल पर पूर्ण विराम लग गया. शायद अब भाजपा पुरानी बातों को भूलकर वर्तमान और भविष्य की बातें सुनना भी चाहती है और सुनाना भी. संभवत: इसी कारण से राष्ट्रीय कार्यकारिणी मे उन्हें मार्गदर्शक संबोधन का अवसर भी नहीं मिला. उनके भाषण के बगैर कार्यकारिणी की बैठक संपन्न हो गई. ऐसा पहली बार हुआ है जब वह पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए हों और उन्हें बोलने का समय नहीं मिला हो. दैनिक जागरण
आडवाणी शुक्रवार को बेंगलुरु की जनसभा में मंच पर मौजूद थे लेकिन पार्टी और सरकार की कामयाबियों के लिए जब सम्मान की बात हुई तो मंच पर नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का सम्मान किया गया. लेकिन आडवाणी का सम्मान नहीं हुआ. पार्टी के जानकारों का मानना है कि इसका साफ संकेत हैं कि पार्टी का एक वर्ग उन्हें अब रिटायर मान रहा है और उन्हें अब ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं है. इसका असर पार्टी की अगली कार्यकारिणी पर नजर आ सकता है.
नवभारत टाइम्स
भाजपा के वरिष्ठ नेता व मार्गदर्शक मंडल के प्रमुख सदस्य लालकृष्ण आडवाणी के मार्गदर्शन के बिना ही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को समाप्त हो गयी. वर्ष 1980 से भाजपा की स्थापना के बाद से यह पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी थी, जिसमे आडवानी मौजूद थे लेकिन भाषण नहीं दिया.
हिंदुस्तान
भाजपा के बुजुर्ग नेताओं को अब पार्टी और सरकार के कामकाज में दखल देने के बदले घर बैठ कर आराम करने से ही सम्मान मिलेगा. अपने दम पर सत्ता में पहली बार काबिज हुई नई भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस आशय का दो टूक संदेश अपने बुजुर्ग नेताओं को दे दिया. पार्टी के गठन के 35 साल के इतिहास में यह पहला मौका था जब वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को बैठक तो दूर जनसभा में भी भाषण देने का मौका नहीं मिला. वहीं हमेशा की तरह राजनीतिक या आर्थिक प्रस्ताव पेश करने वाले दूसरे बुजुर्ग नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी को भी बैठक में बोलने का कोई मौका हाथ नहीं लगा. दरअसल, सत्ता हासिल करते ही अटल-आडवाणी युग से पूरी तरह बाहर हो चुकी पार्टी अन्य कई मौकों पर बुजुर्ग नेताओं को इस आशय का संकेत दे चुकी थी. कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी वर्ष 2013 की गोवा कार्यकारिणी में पीएम उम्मीदवार के रूप में खुद की ताजपोशी के दौरान आडवाणी की अनुपस्थिति और नाराजगी जताने को भुला नहीं पाए हैं.
अमर उजाला

BJP National Executive Meet- Advani’s silence rings loud- Over the past two days, Bharatiya Janata Party (BJP) leaders had refused to confirm if their ‘margdarshi’ L K Advani would address the party’s national executive meeting, but as it drew to a close on Saturday, it was only the veteran leader’s onstage presence that guided the conclave. Described as one of the ‘guiding lights’ by the party in its website along with Syama Prasad Mookerjee, Deen Dayal Upadhyaya and Atal Bihari Vajpayee, the 87-year-old veteran has remained silent since he was placed in the Margdarshak Mandal last August. He last blogged on April 23, and spoke at the party’s National Council meeting on August 9 last year. Since then, he has chosen to remain silent. His silence got an official stamp of approval on Saturday. 05. Over the past two days, party leaders gave cryptic answers to questions on whether Advani will address the national executive.
​ Indian Express ​

बेंगलुरु का असर बीजेपी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भी देखने को मिला. बीजेपी की स्थापना करने वालों में सबसे अहम लालकृष्ण आडवाणी सोमवार को पार्टी ऑफिस में आयोजित इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे. बीजेपी की स्थापना करने वाले नेताओं में से सिर्फ प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा ही इस कार्यक्रम में मौजूद थे. हालांकि आडवाणी की गैरमौजूदगी को लेकर पार्टी ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन माना जा रहा है कि उन्हें इस कार्यक्रम के लिए औपचारिक निमंत्रण ही नहीं मिल पाया. कार्यक्रम को अमित शाह ने संबोधित किया.
नवभारत टाइम्स
आडवाणी को पार्टी स्थापना समारोह का न्योता भी नहीं- भाजपा ने सोमवार को अपना 35वां स्थापना दिवस मनाया. इस दौरान पार्टी मुख्यालय पर आयोजित समारोह में वरिष्ठ नेताओं समेत कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे लेकिन पार्टी संस्थापकों में से एक लालकृष्ण आडवाणी ने कार्यक्रम में शिरकत नहीं की.
हिंदुस्तान

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