मुंबई। शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार की रात को पात्रा चॉल भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया। उनको हिरासत में लिए जाने के साथ ही न्यूज़ चैनलों की सबसे बड़ी खबर बन गई थी। सोमवार को भी अखबारों की यह एक प्रमुख खबर है। राउत से पहले उनके घर पर करीब नौ घंटे, फिर दक्षिण मुंबई स्थित ईडी दफ्तर में सात घंटे चली पूछताछ के बाद रात 12ः05 बजे धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया। संजय के घर से एजेंसी ने 11.50 लाख रुपये भी जब्त किए। प्रमुख चैनलों ने ईडी अधिकारियों के हवाले से बताया कि जांच में सहयोग नहीं करने के कारण राउत को गिरफ्तार किया है।
ईडी टीम रविवार सुबह सात बजे औद्योगिक सुरक्षा बल के दस्ते के साथ राउत के भांडुप स्थित घर पहुंच गई थी। ईडी की अन्य टीमों ने इस बीच दादर व गोरेगांव में भी सर्च ऑपरेशन चलाया। शाम को टीम दस्तावेज के साथ संजय को लेकर घर से निकली। ईडी ने उन्हें 20 और 27 जुलाई को तलब किया था, लेकिन संसद सत्र का हवाला देकर वह पेश नहीं हुए। ईडी के साथ जाने से पहले संजय ने मीडिया से कहा, उन्हें फंसाया जा रहा है। 1040 करोड़ के चॉल घोटाले में राउत से 28 जून को पूछताछ हुई थी। ईडी सूत्रों ने कहा, डीएचएफएल-यस बैंक घोटाले में भी संजय से पूछताछ होगी, जिसमें पुणे का कारोबारी अविनाश भोंसले गिरफ्तार है। सूत्रों का दावा है कि दोनों घोटाले जुड़े हुए हैं।