मैनपुरी उपचुनाव में खबरों का केंद्र बनने के चलते शिवपाल सिंह यादव हिट रेटिंग में

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नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। कहते हैं कि इश्क और जंग में सबकुछ जायज़ है और लोकतंत्र में जंग तलवारों से नही दिमाग लड़ी जाती है। एकदूसरे पर दबाव बनाकर अपने पाले में खड़ा करने की कवायद होती है। कहने को तो मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी सीट पर यूपी चुनाव है। इसे जीतकर सपा और बीजेपी अपना रसूख जताना चाहती हैं। लेकिन इस चुनाव में जिसकी चर्चा सबसे ज्यादा है, वह नाम है शिवपाल यादव का। शिवपाल जिस दिन से डिंपल यादव के समर्थन में खुलकर आए हैं, उस दिन से चर्चा में हैं। लेकिन उनकी सुरक्षा जेड से घटाकर वाई कर दी, तबसे लगातार मैनपुरी चुनाव की सबसे चर्चित शख्सियत बन गए हैं। वैसे तो बंगला छिनने, सीबीआई जांच सामने नजर आ रही है लेकिन इस चर्चा के चलते उनकी रेटिंग इस बार हिट है।


दरअसल यूपी में 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा जब जेड प्लस से घटाकर वाई कर दी गई तो वह सीएम योगी से मिले। इस मुलाकात के बाद उनकी सुरक्षा जेड कर दी गई। उसी वक्त सपा मुखिया अखिलेश यादव से अलग होने के बाद शिवपाल अपने राजनीतिक दल के कार्यालय के लिए भटक रहे थे। सरकार में उनकी बात हुई और उन्हें लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर दफ्तर के लिए बंगला मिल गया। छह साल बाद जब शिवपाल मैनपुरी में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के लिए वोट मांग रहे हैं तो उनकी सुरक्षा फिर घटाकर वाई कर दी गई है। शिवपाल की सुरक्षा में भले 11 सुरक्षाकर्मी कम हुए हों, पर यह उन पर सरकार की ‘कृपा’ कम होने का भी संकेत हैं।
सरकार से दूरियां शिवपाल को लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर मिले बंगले पर भी भारी पड़ सकती है। दरअसल, योगी सरकार ने उन्हें यह सरकारी आवास विधायक आवास के रूप में आ‌वंटित किया है। आवास के साथ ही यहां प्रसपा का कार्यालय भी संचालित होता है, जबकि विधायक सिर्फ इस बंगले में रहने के लिए अनुमन्य हैं।
रिवर फ्रंट की जांच में बढ़ सकती हैं मुश्किलें
गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई शिवपाल के सबसे करीबी कहे जाने वाले सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता को जेल भेज चुकी है। कुछ माह पहले सीबीआई ने उनके एक और करीबी रिटायर्ड आईएएस अफसर दीपक सिंघल से भी पूछताछ के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है। मंजूरी का मामला फिलहाल अटका है। दीपक से पूछताछ के बाद जाहिर है कि सीबीआई की जांच का दायरा बढ़ेगा। ऐसा हुआ तो शिवपाल उसके घेरे में आएंगे। बहरहाल इस समय राजनीति में जो जरूरी है, वो है चर्चा और इस लिहाज़ से शिवपाल सिंह यादव फिलहाल हिट रेटिंग में हैं।

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