नामांकन के साथ ही मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु की न्यूज़ रेटिंग चढ़ी, मीडिया-सोशल मीडिया पर सराहना

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नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। नामांकन के साथ ही मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु की न्यूज़ रेटिंग बढ़ती दिख रही है। हालांकि किसी भी सदन का सदस्य न होने के बावजूद जब उनको मंत्रिमंडल में शामिल करने की घोषणा हुई तो लोग चौक गए थे और दयालु यूपी की राजनीति में अचानक तेजी से उभरे थे। गुरुवार को नामांकन के साथ ही उनका ग्राफ और चढ़ा। मीडिया और सोशल मीडिया पर उनकी सराहना हुई।
(देखें वीडियो)

दयालु ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीट पर 20 जून को होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सभी नौ प्रत्याशियों के नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके साथ भाजपा ने योगी आदित्यनाथ सरकार के सात मंत्रियों सहित नौ प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। नामांकन करने के लिए सभी नौ प्रत्याशियों ने भाजपा कार्यालय से एक साथ विधान भवन में जाकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे।

भाजपा में शामिल होने के बाद से दयाशंकर मिश्र दयालु लगातार आगे बढ़ते जा रहे है। योगी सरकार के दोबारा गठन के बाद पूर्वांचल विकास बोर्ड में उनको उपाध्यक्ष का पद देकर पुरस्‍कृत किया जा चुका है। चूंकि वह विधानसभा सदस्‍य नहीं थे, ऐसे में उनको विधान परिषद भेजना तय था।
योगी सरकार 2.0 में दयाशंकर मिश्र दयालु को आयुष विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया है। वह 2013 में भाजपा में शामिल हुए उसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा और नित नई उंचाईयां प्राप्त करते रहे। योगी की पिछली सरकार में उन्हें पूर्वांचल विकास बोर्ड में उपाध्यक्ष का पद देकर पुरस्कृत किया गया था।
57 वर्षीय डा. दयाशंकर मिश्र दयालु मूल रूप से गाजीपुर जनपद के सिधौना निवासी हैं। पिता स्व. रामाधार मिश्रा के चार पुत्रों में दयालु सबसे छोटे हैं। प्राथमिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद हरिश्चंद्र पीजी कालेज से बीएससी, उच्च शिक्षा काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से की। वहीं से वनस्पति विज्ञान में पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद साल 2005 में जिला युवक कांग्रेस वाराणसी के जिला अध्यक्ष पद से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
दयालु पहले इंटर कालेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए और चंदौली में प्रधानाचार्य बने। अभी वाराणसी स्थित डीएवी इंटर कालेज में प्रधानाचार्य हैं। बीएचयू से शुरू हुई छात्र राजनीति के बाद कांग्रेस में सक्रिय रहे। वह कांग्रेस के टिकट पर वाराणसी दक्षिणी से भाग्य आजमा चुके हैं लेकिन वह श्यामदेव राय चौधरी दादा के सामने टिक नही पाए। वर्ष 2013 में नरेन्द्र मोदी के प्रभाव में आकर भाजपा में शामिल हो गए थे।

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