FLOP ***** (News Rating Point) 16.05.2015
दिल्ली सरकार के खिलाफ निगेटिव खबरें दिखाने पर रोक का तालिबानी सर्कुलर और फिर सुप्रीम कोर्ट का इस सर्कुलर पर रोक लगाना मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की भारी फजीहत का सबब बना. सियासत से लेकर हर जगह केजरीवाल की आलोचना हुई. अखबारों ने लिखा कि आम आदमी पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री, मंत्री या अधिकारी की मानहानि करने वाले समाचार लिखने या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिखाने वालों पर कार्रवाई होगी. सूचना एवं प्रचार निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक विनय भूषण की तरफ से 6 मई को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अगर बिना तथ्य के ऐसे समाचार जिससे मुख्यमंत्री, मंत्री या सरकार के किसी अधिकारी की मानहानि होती है तो उसकी शिकायत प्रधान गृह सचिव को भेजें. सर्कुलर के अनुसार वो अपने स्तर पर जांच करके अभियोजन निदेशक की सलाह लेकर मामला कानून विभाग को अंतिम जांच के लिए भेजेगा. यहां से धारा 199 (2) में मुकदमा दाखिल करने के लिए स्वीकृति लेगा. अभियोजन निदेशक की स्वीकृति के बाद गृह विभाग वकील को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 199 (2) में शिकायत के लिए भेजेगा. सर्कुलर में कहा गया है कि यदि किसी पर सीधे हिट करने या इशारे में मुख्यमंत्री, मंत्री या सरकारी सेवा देने वाले किसी व्यक्ति पर इल्जाम खबरों में लगाता है और संबंधित व्यक्ति को लगता है कि उसकी मानहानि हुई है तो शिकायत प्रधान गृह सचिव को कर सकता है. लेकिन गुरूवार को अरविन्द केजरीवाल को बड़ा झटका लगा. मीडिया के खिलाफ दिल्ली सरकार के सर्कुलर पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)