नेता को माफ़ी, बच्चों को लाठी !

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नवल कान्त सिन्हा
(News Rating Point) 19.06.2016
सुना था कि कभी आशिक इस बात से परेशान रहा करते थे कि – एक तरफ उसका घर, एक तरफ मयकदा… लेकिन सोचिये यूं हो तो क्या हो कि वो खुद अपना घर मयकदा बनाया बैठी हो… बस यूं ही ये ख्याल आया जब ख़बरें आईं कि अपनी ममता कुलकर्णी के तार अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट से जुड़े हैं. इस हॉट अभिनेत्री का नाम सुनकर मैं तो पसीने-पसीने हो गया. और हूं भी क्यों न, ये मानना बड़ा मुश्किल है कि एक ज़माने में कमसिन, सौम्य, सरल लगने वाली ममता कुलकर्णी जी ड्रग तस्कर कैसे हो जायेंगी ! मानो वो ममता कुलकर्णी न होकर ममता कुलक्षणी हो गयी हों. वैसे मेरा तो मानना है कि ठाणे के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह को उन्हें बस इस लाइन पर ही माफ़ कर देना चाहिए कि- मुझको राणा जी माफ़ करना गलती म्हारे से हो गयी.. खैर, ये सब तो पुलिस-थाना, कोर्ट-कचहरी का मामला है, वो जाने… मेरा राबता तो बस इतना है कि हिरोइन के हेरोइन के कारोबार में होने की खबर से मैं पुख्ता हो गया कि heroine (हीरोइन) और Heroin (हेरोइन) में ज़मीन आसमान का फर्क है लेकिन कभी-कभी ये साथ भी मिल सकते हैं.
ट्विटर, फेसबुक का ज़माना है, स्पेलिंग पर तो ध्यान देना ही पड़ेगा. नहीं तो ज़रा से स्पेलिंग गड़बड़ कि दे कमेंट्स पे कमेंट्स…. चिकना घड़ा हो तो पता नहीं वरना आम आदमी तो ऐसी गलती पर हिल जाता है. बचपन की आदत तो ठहरी. एक्को स्पेलिंग गड़बड़ाई कि दे डंडे पे डंडे…. और फिर सेवा में हल्दी-चूना. अब आम आदमी नेता तो होता नहीं कि स्पेलिंग की गलती के बावजूद जनता अपनी एड़ियां रगड़ती रहती है. नेता जी जिंदाबाद के नारे बुलंद करती रहती है. किस्से तो आप सुनते ही रहते होंगे. हाल के कुछ किस्से सुना दें. अपने मोदी जी के गुजरात में एक हैं शंकर चौधरी जी. गुजरात के रहने वाले हैं तो ज़ाहिर है पढ़ाई भी वहीं किये होंगे, कोई बिहार थोड़े ही गए होंगे. एमबीए की डिग्री भी रखे हुए हैं. तो हुए न हाइली एजुकेटेड ! मति मारी गयी थी. कुछ कर गुजरने की चाह में अपने विधानसभा के एक स्कूल में पहुँच गए बच्चों को पढ़ाने. बोर्ड पर लिखना शुरू किया तो खुद की पोल खोल बैठे. चौधरी साहब मंत्री जी एलीफैंट की स्पेलिंग भी सही से नहीं लिख पाए. मामला आला मंत्री जी साहब का था तो वहां मौजूद टीचर भी उन्हें टोकने की हिम्मत कैसे जुटा पाटा. मंत्री जी को लिखना Elephant और लिखा गए Elephent. और इन टीवी वालों को क्या कहें कैमरे में वीडियो कैद हुआ था, टीवी पर दिखा दिया. वो कहिये कि यूपी में अंग्रेज़ी की ज़्यादा पैरवी नहीं होती. नहीं तो बहनजी कह देती कि हमारे चुनाव चिह्न का भारतीय जनता पार्टी के नेता मज़ाक उड़ा रहे हैं.
अब ये मंत्री जी तो थे एमबीए लेकिन देश की मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी जी की पढ़ाई के बारे में किसी ने मुझे पुख्ता तरीके नहीं बताया है, इसलिए उनकी पढ़ाई का जिक्र नहीं कर रहा हूं. लेकिन ये बिलावजह स्पेलिंग मिस्टेक वाले नेताओं में शुमार हो गयी. एक ट्वीट क्या किया पब्लिक ने खेलना शुरू कर दिया. अब कोई मानता कि उन्हें गवर्नर की स्पेलिंग लिखनी नहीं आती ! लेकिन ट्विटर ये सब थोड़ी देखता है. जो लिख दिया, वही पोस्ट कर देता है. तो हुआ ये कि स्मृति जी ने अपने ट्विटर में गवर्नर की स्पेलिंग ही गलत लिख डाली. लखनऊ में उन्होंने यूपी गवर्नर राम नाईक से मुलाक़ात की और 17 जून, 2016 को दोपहर 3:05 के करीब फोटो पोस्ट कर दिया- ‘interacted with Hon Governer Uttar Pradesh Shri Ram Naikji’ . समझिये ‘Governor’ की जगह ‘Governer’ लिख गयीं.
और इन्हीं स्मृति ईरानी जी ट्विटर युद्ध छेड़कर बिहार के शिक्षा मंत्री जी हिंदी में गलती कर गए और बिहारी बाबू फंस गए ट्विटरबाजों के जाल में. दरअसल बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने एक ट्वीट में करके स्मृति ईरानी को ‘DEAR’ कहकर संबोधित किया था, जिस पर स्मृति ने उनकी जमकर खिंचाई की. लेकिन एक बात गौर करने वाली है कि बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने जो ट्वीट किया उसमें उन्होंने लिखा, “Dear.@smritiirani ji, कभी राजनीति और भाषण से वक़्त मिले तो शिक्षा निति की तरफ भी ध्यान दें.” अब नीति को निति लिख गए तो कौन सा संगीन गुनाह कर दिया. ऊपर से लेकर नीचे तक आप भी तो सारी लफ्फाज़ी पढ़ गए, तमाम गलतियां थीं, आपने तो कुछ नहीं कहा.(नवल नज़रिया)

[box type=”info” head=”नोट”]सिर्फ हास्य-व्यंग्य है, दिल पर न लें… किसी का कलेजा दुखाना कभी किसी हास्य-व्यंग्य का मकसद नहीं हो सकता, सचमुच… फिर भी बुरा लगा तो- हमसे भूल हो गयी हमका माफी दई दो… नहीं तो फोन कर दो, मेल कर दो- आइंदा आपसे बचकर चलेंगे भैया…[/box]

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