नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर JPNIC के बाहर ताला लगा दिया। टीन जड़ दी थी। पुलिस लगा दी गयी लेकिन पुलिस का घेरा तोड़ दीवार फांद कर अखिलेश यादव ने जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। पूरे देश की मीडिया और सोशल मीडिया में अखिलेश यादव जबरदस्त छाए रहे। गुरुवार को अखबारों ने भी इसे प्रमुखता से छापा।
लखनऊ में समाजवादी पार्टी और प्रशासन के बीच संग्राम छिड़ा। एलडीए के सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अखिलेश यादव के JPNIC जाने से रोके जाने पर सपाई आंदोलित हो गए। सुबह पार्टी नेता रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में जेपीएनआईसी पर सपाइयों का धरना हुआ। गेट पर ताला लगा था और भारी फोर्स तैनात थी। इस बीच 11:50 बजे सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव वहां पहुंचे। सौ से अधिक पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। टीन शेड की दीवार भी खड़ी थी लेकिन अखिलेश नहीं रुके। करीब आठ फीट ऊंचा गेट फांदकर वे अंदर पहुंच गए। उनके पीछे-पीछे कई अन्य सपाई भी जेपीएनआईसी के अंदर पहुंच गए। जेपीएनआईसी को लेकर समाजवादी पार्टी और मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार में 2017 से ही विवाद चल रहा है. जेपीएनआईसी अखिलेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया था. इस प्रोजेक्ट पर सरकार ने कई आरोप भी लगाए गए हैं. पिछले दिनों अखिलेश यादव ने कुछ चैनलों को इंटरव्यू भी जेपीएनआईसी का खस्ता हाल दिखाते हुए दिया था जिसके बाद मौजूदा एलडीए के कर्मियों पर कार्रवाई भी हुई थी.