FLOP **** (News Rating Point) 01.08.2015
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा पर हाईकोर्ट ने इस सप्ताह 25 हज़ार रूपये का जुर्माना लगाया. उन्हें अब टाइप-8 के सरकारी बंगले को छोड़कर टाइप सात के बंगले में स्थानांतरित होना होगा. हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार के इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका जुर्माना लगाने के साथ खारिज कर दी. न्यायमूर्ति आरएस एंडलॉ के समक्ष दोनों ने इस्टेट निदेशालय के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें टाइप सात के बंगले में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था. अदालत ने कहा कि उसकी नजर में निदेशालय के फैसले में कोई खामी नहीं है और याची टाइप आठ बंगले में रहने की हकदार नहीं हैं. अदालत में याचिकाकर्ता यह आरोप साबित नहीं कर पाए कि अन्य राजनीतिज्ञों ने भी बंगले पर अनधिकृत कब्जे कर रखे हैं और सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं के रवैये पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि नागरिक संसद के लिए अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, ताकि कानून व्यवस्था के लिए नियम बनाए जा सकें और सरकारी कामकाज हो. ऐसे में जनप्रतिनिधि यह नहीं कह सकते कि कानून दूसरों के लिए है और उन पर लागू नहीं होते. अदालत ने कुमारी सैलजा को जुर्माने की राशि निदेशालय में जमा करवाने का निर्देश दिया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा पर हाईकोर्ट ने इस सप्ताह 25 हज़ार रूपये का जुर्माना लगाया. उन्हें अब टाइप-8 के सरकारी बंगले को छोड़कर टाइप सात के बंगले में स्थानांतरित होना होगा. हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार के इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका जुर्माना लगाने के साथ खारिज कर दी. न्यायमूर्ति आरएस एंडलॉ के समक्ष दोनों ने इस्टेट निदेशालय के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें टाइप सात के बंगले में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था. अदालत ने कहा कि उसकी नजर में निदेशालय के फैसले में कोई खामी नहीं है और याची टाइप आठ बंगले में रहने की हकदार नहीं हैं. अदालत में याचिकाकर्ता यह आरोप साबित नहीं कर पाए कि अन्य राजनीतिज्ञों ने भी बंगले पर अनधिकृत कब्जे कर रखे हैं और सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं के रवैये पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि नागरिक संसद के लिए अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, ताकि कानून व्यवस्था के लिए नियम बनाए जा सकें और सरकारी कामकाज हो. ऐसे में जनप्रतिनिधि यह नहीं कह सकते कि कानून दूसरों के लिए है और उन पर लागू नहीं होते. अदालत ने कुमारी सैलजा को जुर्माने की राशि निदेशालय में जमा करवाने का निर्देश दिया है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)
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