Prashant Bhushan AAP

0

FLOP **** (News Rating Point) 07.03.2015
अपनी पूरी ज़िन्दगी में योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण शायद ही कभी अखबारों की सुर्ख़ियों और चैनलों की हेडलाइन में इतनी जगह पाए होंगे, जितनी की उन्हें इस हफ्ते मिली. पिछले एक हफ्ते में योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण लगातार खबरों में छाये रहे लेकिन ऐसी कवरेज शायद ही कोई नेता चाहे. उनकी बाइट्स भी चलीं, वन टू वन भी चले, लाइव भी चले और ब्रेकिंग भी. लेकिन जितनी भी खबरें चलीं, उन खबरों ने इन नेताओं की रेटिंग जबरदस्त तरीके से गिराई.  चार मार्च को सुबह से लेकर रात तक लगातार प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव छाये रहे और अगले दिन अखबारों की सुर्खियाँ बने.
अमर उजाला ने लिखा- आप हुई आम, घमासान के बाद योगेंद्र-प्रशांत की पीएसी से छुट्टी- दोनों संस्‍थापक नेताओं को पार्टी की सर्वोच्च समिति से हटाया गया- भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी का हाल भी अन्य राजनीतिक दलों की तरह ही होता दिख रहा है। सामूहिकता, पारदर्शिता का दावा करने वाली आप का अपने घर में मचे घमासान को सुलझाने का तरीका भी आम ही रहा. एक व्यक्ति केंद्रित होती पार्टी के खिलाफ आवाज उठाने वाले आप के संस्थापक सदस्यों योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को अन्य राजनीतिक दलों की परिपाटी की तर्ज पर साइडलाइन कर दिया गया. आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने गरमागरम बहस के बीच दोनों को ‘बगावत’ की सजा देते हुए बहुमत के आधार पर पार्टी की सर्वोच्च संस्था राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से बाहर का रास्ता दिखा दिया. साथ ही योगेंद्र की पार्टी के प्रवक्ता पद से भी छुट्टी कर दी गई. छह घंटे तक चली बैठक में अरविंद केजरीवाल के संयोजक पद से इस्तीफे को भी एक स्वर में खारिज कर दिया गया. हिंदुस्तान- योगेन्द्र और प्रशांत के आप ने पर कतरे. इंडियन एक्सप्रेस- Bhushan, Yadav out of key AAP panel. टाइम्स ऑफ़ इंडिया- Kejri stamps dominance, rebel duo out of PAC. नवभारत टाइम्स- प्रशांत और योगेंद्र पीएसी से बाहर. दैनिक जागरण- प्रशांत-योगेंद्र का पत्ता साफ, आम आदमी पार्टी की पीएसी से बाहर किए गए भूषण और यादव.
यही नहीं योगेन्द्र और प्रशांत पूरे हफ्ते चैनलों और अखबारों में नज़र आते रहे. एक मार्च अमर उजाला- पीएसी से बाहर हो सकते हैं योगेंद्र- आम आदमी पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. दो दिन तक चली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के मतभेद खुलकर सामने आ गए. खबर है कि इसके चलते पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव की पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया के दिल्ली संस्करण की प्रमुख खबर थी- AAP cold war hots up: Yadav may lose PAC rol-Differences within the Aam Aadmi Party (AAP) came to the fore again on Saturday amid reports that chief spokesperson Yogendra Yadav would be dropped from the all-important political affairs committee (PAC). हिंदुस्तान- आप के बड़े नेताओं के बीच और बढ़ा मतभेद. इंडियन एक्सप्रेस- The national executive of the Aam Aadmi Party (AAP) has proposed giving Chief Minister Arvind Kejriwal the right to reconstitute the party political affairs committee and it is likely that senior leader Yogendra Yadav may not retain his place when it is rejigged. दैनिक जागरण- दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बावजूद आम आदमी पार्टी की अंदरूनी कलह खत्म होती नजर नहीं आ रही. वरिष्ठ पार्टी नेताओं के निशाने पर कोई और नहीं मुख्यमंत्री व पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल हैं.पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व कानून मंत्री शांतिभूषण ने केजरीवाल से पार्टी संयोजक पद छोड़ने की मांग उठाई है. व्यक्तिगत कार्य के लिए इलाहाबाद आए शांति भूषण ने ‘जागरण’ से कहा कि पार्टी में कोई भी व्यक्ति दो पद पर नहीं रह सकता है. अरविंद दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए हैं, ऐसे में संयोजक का पद योगेंद्र यादव को मिलना चाहिए. दिल्ली में मिली जीत पर कहा कि अरविंद ने मायावती व मुलायम सिंह की तर्ज पर चुनाव लड़ा. तानाशाही रवैया अपनाते हुए ‘आप’ का संविधान ताक पर रख दिया. शांति भूषण ने कहा कि आप में कई गलत लोगों का प्रवेश हो गया है. वह अरविंद केजरीवाल के इशारे पर नाच रहे हैं.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने दो मार्च को लिखा- Bhushan, Yadav write against `Kejriwal cult’- The crisis within AAP worsened on Sunday as two senior members ­ Prashant Bhushan and Yogendra Yadav ­ questioned the “person centric“ approach of the party surrounding Arvind Kejriwal, and warned that it had moved away from its core principles of transparency, accountability and inner party democracy . Two notes addressed to the national executive ­ one by Bhushan and the other together -sought “systemic changes“, including an internal ethics committee to probe donations, especially those of April 2014. इंडियन एक्सप्रेस ने तीन मार्च को लिखा- AAP sting politics: To target Yogendra Yadav, Critics in party play tape of call with journalist. अमर उजाला ने चार मार्च को लिखा- आम आदमी पार्टी में मंगलवार को आंतरिक विवाद और गहरा गया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह इस पूरे घटनाक्रम से बेहद दुखी और आहत हैं. हालांकि उनसे जुड़े लोगों ने वरिष्ठ नेता शांति भूषण और प्रशांत भूषण पर तीखे हमले किए हैं. आशीष खेतान ने ट्वीट किया कि शांति भूषण, प्रशांत और शालिनी यानी पिता, बेटे और बेटी की ये तिकड़ी पार्टी के सभी धड़ों पर अपनी पकड़ बनाना चाहती है, चाहे वह पीएसी हो, राजनीतिक मामलों की कमेटी हो या राष्ट्रीय कार्यकारिणी. सूत्र बताते हैं कि योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण के मामले में बुधवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला ले लिया जाएगा
.
होली से एक दिन पहले अरविन्द केजरीवाल पर हमला बोला. उन्होंने अपने ब्लॉग में जो लिखा वह पांच मार्च को टीवी चैनल की बिग ब्रेकिंग बनी. अगले दिन अखबारों में यह खबर छाई रही. अमर उजाला ने लिखा- योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से निकाले जाने के बाद भी आम आदमी पार्टी में जारी घमासान नहीं थमा. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और महाराष्ट्र से बड़े नेता मयंक गांधी ने ‘बागी’ रुख अपनाते हुए दोनों संस्थापक सदस्यों के पीएसी से निष्कासन के लिए अरविंद केजरीवाल की जिद को जिम्मेदार ठहराया है. अपने ब्लॉग के जरिए दिल्ली के सीएम पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने धमकी दी थी कि इन दोनों के पीएसी में रहते मैं काम नहीं कर पाऊंगा. मयंक ने यह भी कहा कि उन्हें इस खुलासे का परिणाम भी भुगतना पड़ सकता है. नए घटनाक्रम पर योगेंद्र ने कहा कि अंतत: सत्य सामने आ ही जाता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here