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(News Rating Point) 28.03.2016
समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की छोटी पुत्रवधू अपर्णा यादव सियासत में इंट्री लेने की खबरों की वजह से चर्चा में आयीं. उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए लखनऊ कैंट सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया गया. सपा प्रवक्ता शिवपाल सिंह यादव ने आज कैंट क्षेत्र से अपर्णा को उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा की. दैनिक जागरण ने लिखा कि मुलायम के छोटे पुत्र प्रतीक यादव के साथ विवाह के बाद से ही अपर्णा सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहीं हैं. अपर्णा को चुनाव मैदान में उतारे जाने के पीछे पारिवारिक और राजनीतिक कई तरह के समीकरण हैं, हालांकि हारी हुई सीट से परिवार के इस सदस्य के चुनावी सफर की शुरुआत एक जोखिम भरा फैसला माना जा रहा है. अपर्णा के लिए कैण्ट विधानसभा से चुनाव जीतना आसान नहीं होगा क्योंकि यहां से कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी विधायक हैं. यहां तक की पिछले चार चुनावों की बात की जाए तो यहां पर सपा का प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं रहा है. जीतना तो दूर पार्टी इस सीट पर दूसरे नंबर भी नहीं आ सकी है. इसलिए अपर्णा को उतार कर पार्टी ने अपने को मजबूत करने की कोशिश की है. इतिहास की बात करें तो अब तक लखनऊ कैण्ट सीट से कांग्रेस सात और बीजेपी पांच बार जीती है. पिछले लगातार तीन चुनावों से कांग्रेस की वर्तमान विधायक रीता बहुगुणा जोशी जीत रहीं है. जबकि सपा यहां से कभी नहीं जीती है. 2012 विधानसभा चुनाव में सपा के उम्मीदवार सुरेश चौहान को 13 फीसद वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे थे. जबकि कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी लगभग 31 फीसद वोट पाकर पहले और बीजेपी के सुरेश तिवारी 26 और बीएसपी के उम्मीदवार को 18 फीसद वोट मिले थे.
भास्कर ने लिखा कि यादव परिवार ने अपर्णा को लखनऊ कैंट से टिकट देकर उनकी राजनैतिक महत्वाकांक्षा को पूरा किया है. हीं न कहीं फैमिली प्रेशर है, तभी 143 सीटों के बाद अचानक 1 सीट का अनाउंसमेंट किया गया है. यादव परिवार चाहता है कि फैमिली कंट्रोवर्सी बाहर न जाए, इसीलिए आनन-फानन में अपर्णा को टिकट दिया गया है. छोटी बहु को पॉलिटिक्स में लाकर मुलायम सेफ गेम प्ले करना चाहते हैं. उन्हें मालूम है कि लोकसभा में 5 सीटों पर सिर्फ परिवार के लोग ही जीते थे.
वेबसाईट वन इंडिया ने लिखा कि अपर्णा अपने खुले विचारों से कई बार मुलायम सिंह यादव को मुसीबत में डाल चुकी हैं. बॉलीवुड एक्टर आमिर खान के असहिष्णुता पर दिए बयान को लेकर वो अपने ससुर के खिलाफ हो चुकी है. वहीं प्रधानमंत्री मोदी की तारिफ कर उन्होंने सपाईयों की बोलती बंद कर दी थी. जब पीएम मोदी लखनऊ आए थे तब उस कार्यक्रम में कोई सपाई नहीं पहुंचा था, लेकिन अपर्णा वहां पहुंची थी, जिसे लेकर खूब चर्चाएं हुई थी.