Rajnath Singh BJP

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HIT * (News Rating Point) 28.03.2015 

इस सप्ताह धर्मांतरण के मुद्दे पर चर्चा में आये. उन्होंने धर्मांतरण पर सवाल खड़े किये और साथ ही कहा कि वह अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जायेंगे. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों में व्याप्त असुरक्षा की भावना को समाप्त करने के लिए सबकुछ करेंगे.

It would be wrong to link terrorism with religion, said Union home minister Rajnath Singh. “Any question about loyalty of Muslims in India is baseless. Muslims are committed and loyal to India and as patriotic as any. It is not true that Indian Muslims have joined ISIS,“ Rajnath told TOI in an exclusive interview. Rajnath, who is an MP from Lucknow, is on a two-day visit to the city. He has recently at tended an international confer ence on terrorism in Jaipur. Asked about Julio Rebeiro’s comment that he felt alienated in his own country, Rajnath said that “the government is providing se curity and safety to all the citizens irrespective of their caste, creed and religion and region they be long to. I don’t agree with Robeiro’s observations.“
– The Times of India
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अल्पसंख्यकों की पूर्ण रक्षा का संकल्प लेते हुए धर्मांतरण पर सवाल उठाया और धर्मांतरण विरोधी कानून की जरूरत पर बहस की वकालत की. उन्होंने पूछा कि क्या धर्मांतरण में शामिल हुए बिना लोगों की सेवा नहीं की जा सकती. सिंह ने कहा कि ‘घर वापसी’ और धर्मांतरण के बारे में कभी-कभी अफवाहें फैलती हैं और विवाद होते हैं. किसी भी प्रकार का धर्मांतरण होना ही क्यों चाहिए.
नवभारत टाइम्स
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने धर्मांतरण विरोधी कानून की वकालत करते हुए इस मामले पर राष्ट्रीय बहस की मांग की है. राज्य अल्पसंख्यक आयोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य देशों में इस संबंध में कानून बनाने की मांग खुद अल्पसंख्यक वर्ग करता है. गृह मंत्री ने संघ प्रमुख मोहन भागवत की तर्ज पर पूछा कि क्या धर्मांतरण में शामिल हुए बिना लोगों की सेवा नहीं की जा सकती? गृह मंत्री ने धर्मांतरण विरोधी कानून का समर्थन करने के साथ ही हर हाल में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी घोषणा की.
अमर उजाला
Home minister Rajnath Singh on Monday called for a national debate on conversion and the need for an anti-conversion law, highlight ing Sangh Parivar’s concern about demographic change and asking whether religious organizations should necessarily link their welfare activities with conversion drives. “Is conversion necessary…can social service not be performed without resorting to conversion?“ he asked while inaugurating the 10th annual conference of state minorities commissions here.
– The Times of India
Speaking at the one-day conference of minority commissions of states, Singh said, there is need for a national debate on questions – Is conversion necessary? Can social service not be performed without resorting to conversion? Can no religion prosper without encouraging conversion?

-Daily News & Analysis

धर्मांतरण विरोधी क़ानून पर बहस हो : राजनाथ
हिंदुस्तान

अल्पसंख्यकों को संपूर्ण सुरक्षा देने की वचनबद्धता व्यक्त करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को देश में होने वाले धर्मांतरण पर सवाल खड़े किए, और धर्मांतरण-रोधी कानून की ज़रूरत को लेकर बहस की वकालत की. राज्य अल्पसंख्यक आयोगों की एक बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने यह भी कहा, “मैं जानना चाहता हूं कि क्या धर्मांतरण किए बिना लोगों की सेवा नहीं की जा सकती है…?”
एनडीटीवी
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाउंगा. मैं अल्पसंख्यकों में व्याप्त असुरक्षा की भावना को समाप्त करने के लिए सब कुछ करूंगा.
ज़ी न्यूज़
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के देशप्रेम पर उंगली नहीं उठाई जा सकती. उन्होंने यह भी कहा कि केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ही अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है.

​​देशबंधु
उन्होंने कहा, ”अन्य देशों में अल्पसंख्यक समुदाय धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग करते हैं. यहां, हम केवल यह कह रहे हैं कि धर्मांतरण विरोधी कानून होना चाहिए.
पंजाब केसरी
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घर वापसी” और धर्मांतरण के मुद्दे पर देश में खुली बहस कराने को कहा है जिससे लोग बिना किसी भय के अपनी बात कह सके. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने देश में अल्पसंख्यकों की रक्षा के सरकार के संकल्प को दोहराते हुए धर्मांतरण पर सवाल उठाया और धर्मांतरण विरोधी कानून की आवश्यकता पर बहस की वकालत की.
सहारा समय

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