तीन साल की सज़ा की खबर के साथ सपा नेता आज़म खान की फजीहत सुर्खियों में

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लखनऊ। सपा नेता आजम खान को पीएम मोदी और रामपुर के तत्कालीन डीएम आन्जनेय कुमार सिंह के खिलाफ अमर्यादित बयानबाजी करना भारी पड़ गया। आजम खां को गुरुवार को तीन साल की सजा सुना दी गई। सजा की घोषणा के साथ ही ये देश की सबसे बड़ी खबरों में से एक हो गई। सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई। शुक्रवार के अखबारों में खबर सुर्खियों में रही।

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आजम खां को गुरुवार को जिस मामले में सजा सुनाई गई वह वह बयान 2019 में काफी सुर्खियों में रहा था। आजम खां लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी थे और मिलक कोतवाली क्षेत्र एक जनसभा में प्रधानमंत्री को निशाना बनाते हुए अपनी बात शुरू की और धीरे-धीरे मुख्यमंत्री और फिर रामपुर के डीएम को टारगेट किया था।
उन्होंने तत्कालीन रामपुर डीएम पर इस तरह बयानबाजी की थी कि किसी को भी शर्मसार कर दे। इस मामले में तत्कालीन डीएम आन्जनेय कुमार सिंह ने तत्कालीन सहायक रिटर्निंग आफीसर से जानकारी ली और उसके बाद आयोग भी इसमें एक्टिव हुआ था। इसके बाद मामले में प्रभारी वीडियो अवलोकन टीम अनिल कुमार की ओर से आजम खां के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन समेत अन्य आरोपों में एफआईआर करायी गई थी।
आजम खां ने 7 अप्रैल 2019 को मिलक क्षेत्र के खाता नगरिया गांव में आयोजित जनसभा में हेट स्पीच दी थी। जिस पर रामपुर प्रशासन से लेकर आयोग तक एक्टिव हो गया था और दो दिन बाद यानि 9 अप्रैल 2019 को इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी।
आजम पर दर्ज एफआईआर के अनुसार उन्होंने भड़काऊ भाषण में कहा था- मोदी जी आपने ऐसा माहौल बना दिया कि मुसलमानों का जीना दूभर हो गया है… बहुत उमस की जिंदगी गुजार रहे हैं… जो कांग्रेस का केंडीडेट खड़ा हुआ है, वह सिर्फ मुसलमानों में वोट न मांगे… कुछ हिंदू भाइयों में जाकर भी वोट मांगे… सारा दिन मुसलमानों में वोट मांग रहा है ताकि, मुसलमानों का वोट काटकर भारतीय जनता पार्टी को जिता सके…। इसके साथ ही तमाम धर्म विशेष के लोगों को भड़काने वाली तमाम बातें कहीं थी।

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