राजस्थान के कोटा में झालावाड़ कोतवाली थाना क्षेत्र के दुर्गपूरा गांव में एक 15 वर्षीय दलित किशोरी ने अपने ही घर में फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी. शव को जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे परिजनों ने आत्महत्या के पीछे पुलिस की धमकी को कारण बताया था और महिला थाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे. मामले को लेकर बाल कल्याण समिति ने भी संज्ञान लिया था, जिसके बाद झालावाड़ पुलिस अधीक्षक मोनिका सैन ने देर शाम कार्रवाई करते हुए महिला थाना प्रभारी राजेंद्र, हेड कांस्टेबल लाखन सिंह और कांस्टेबल बसन्त को सस्पेंड कर दिया.
झालावाड़ कोतवाली थाना क्षेत्र के दुर्गपुरा गांव में दलित जाति की एक किशोरी ने बीते मंगलवार को पुलिस की धमकी के बाद घर पर जाकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में प्रथम दृष्टया महिला थाना पुलिस की लापरवाही मानते हुए एसपी मोनिका सेन ने थाना इंचार्ज एएसआई राजेंद्र, हेड कांस्टेबल लाखन सिंह और कांस्टेबल बसन्त को सस्पेंड कर दिया है. इधर नाबालिग के आत्महत्या करने जैसे कदम उठाने पर बाल कल्याण समिति ने भी मामले में संज्ञान लेते हुए महिला थाना पुलिस को पत्र लिखकर नाबालिक को थाने बुलाने के मामले में जवाब तलब किया है.
मामले में झालावाड़ पुलिस अधीक्षक मोनिका सैन ने बताया कि दुर्गापुरा में किशोरी द्वारा थाने से लौटने के बाद तनाव में आकर आत्महत्या करने के मामले में महिला थाना पुलिस की लापरवाही सामने आई है. महिला थाने के एएसआई राजेंद्र, हेड कांस्टेबल लाखन और एक कांस्टेबल बसन्त को सस्पेंड कर दिया है. मामले में जांच सीओ स्तर के अधिकारी से करवाई जाएगी. उधर पूरी घटना गांव की एक अन्य किशोरी के आपत्तिजनक वीडियो के वायरल होने के मामले में जुड़ी थी. इस मामले में भी पुलिस ने एक व्यक्ति को डिटेन कर लिया है.
यह था मामला
झालावाड़ जिले के दुर्गपूरा की एक छात्रा ने महिला थाना पुलिस में परिवाद पेश कर बताया था, कि उसकी सहेली रेखा ने उसका आपत्तिजनक वीडियो वायरल करवाया. इस पर महिला थाना पुलिस नाबालिग किशोरी को महिला थाने लाई और पूछताछ के दौरान उसे जेल भेजने की धमकी दी. ऐसे में आहत किशोरी ने मंगलवार को घर लौटने के बाद अपने घर के कमरे में फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी. परिजनों की शिकायत के बाद किशोरी के शव का पोस्टमार्टम भी मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया था, लेकिन तब से ही महिला थाना पुलिस संदेह के घेरे में थी.